Hindi Poetry On Life | Hindi Poem | Hindi Poetry -रिश्ता
रिश्ता
( Rishta )
शहीद दिवस ( Shaheed Diwas ) फांसी के फंदे से,आजादी का सिंहनाद तेईस मार्च उन्नीस सौ इक्कतीस, दिवस अद्भुत मोहक सोहक । उमंग उल्लास प्रकृति पटल, कायिक प्रभा अनंत रोहक । असीम नमन दिव्य बलिवेदी, हिय हिलोरित राष्ट्र प्रेम निर्बाध । फांसी के फंदे से, आजादी का सिंहनाद ।। आत्मविश्वासी अभय कदम, चाल ढाल रण…
कई उलझने हैं सुलझाने को ( Kai uljhane hai suljhane ko ) नये रास्ते हैं आगे बढ़ जानेको सुंदर नजारे दिल मे समानेको नजर उठती है ठहर जाने को बेखौफ नदी जैसे बहजाने को रंजो गम को दबा जाने को महफूज जगह रुक जाने को बेपनाह मोहब्बत पा जाने को नैनों में ख्वाब सजा…
भूले से चेहरे ( Bhoole se chehre ) भूले से चेहरे कितने ही, आँखों में घिर आए हैं ! अपना भी चेहरा है उनमें, या हम फिर भरमाए हैं !! प्रातः कीआशा बन आये, हैं जग में कब से उजियारे लेकिन अबभी अन्धियारों से,भरे हुए घरके गलियारे मैं अपने आँगन में बैठा…
पिता बेटी संवाद पर कविता ( Pita beti samvad par kavita ) बेटी अपने घर आने को भी पूछना पड़ता है पराया कर दिया है पिता आपने पूछना पड़ता है बेशक में आपकी बेटी हूं पत्नी किसी की आपने मुझे बना दिया है आपकी एक आवाज में दौड़ कर आने वाली मैं जुड़ गई…
रब बुला दो दुनिया से दिल भर गया रब बुला दोदुनिया से दिल उठ गया अब बुला दो बंद मुठ्ठी आया ख़ाली हाथ जाना जीना नहींदुनिया से दिल ऊब गया रब बुला दो बिना लंगोटी नंगे बदन आया कफ़न ओढ़ जाऊंगादुनीया से दिल बदल गया रब बुला दो छल कपट झपट कर धन दोलत जोडी…
वृक्ष धरा के मूल ( Vriksh dhara ke mool ) पर्यावरण संरक्षण पर कविता वृक्ष धरा के मूल, भूल से इनको काटो ना नदी तालाब और पूल, भूल से इनको पाटो ना।। वृक्षों से हमें फल मिलता है एक सुनहरा कल मिलता है पेड़ रुख बन बाग तड़ाग सब धरती के फूल ,भूल से इनको…