सांसों में खुशबू यार की | Ghazal
सांसों में खुशबू यार की ( Saanson mein khushboo yar ki ) ऐसी है सांसों में ही ख़ुशबू यार की ! हो रही है बातें इसलिए प्यार की यादों ने इस क़दर है सताया उसकी रातें मैंनें काटी है बहुत बेदार की बीच सफ़र में मेरा साथ वो छोड़ गया देखली है…