सहज नही होता | Sahaj nahi Hota

सहज नही होता | Sahaj nahi Hota

सहज नही होता ( Sahaj nahi hota )    द्वेष हो वहां समझौता नहीं होता ईर्ष्या हो वहां कोई सामंजस्य नहीं छल हो वहां कभी अपनापन नही कपट हो वहां कभी कोई लगाव नहीं दिखावा तो है कागज के फूल जैसा वाणी मे खार गुलाब की डाली जैसे मुस्कान मे धार दुधारी तलवार जैसे नजर…