समय के साथ साहित्य समाज बदलता है | Sahitya Samaj par Kavita
समय के साथ साहित्य समाज बदलता है ( Samay ke sath sahitya samaj badalta hai ) वक्त के साथ बदल जाती है सब की जीवनधारा। समय के साथ साहित्य बदले संग समाज हमारा। बदल रहे हैं तौर-तरीके बदला अपनापन प्यारा। बदल रही शिक्षा नीति सभ्यता संस्कार हमारा। बदल रही सब बयार बसंती स्नेह सुधा…