Sainik par kavita

मैं सैनिक हूँ | Sainik par kavita

मैं सैनिक हूँ  ( Main sainik hoon )    मैं हूॅं भारतीय  सेना का वीर, आग हवा कांटे चाहें हो नीर। सर्दी गर्मी चाहे वर्षा चले घोर, रखता सदा रायफल सिर मोर।।   चाहें हो जाऍं सुबह से शाम, करता नही कभी में आराम। घुसनें न दूं दुश्मन अपनी और, हो जाऍं  रात  चाहे फिर …