Samadar se Nadi

समंदर से नदी लौटी जा रही थी | Samadar se Nadi

समंदर से नदी लौटी जा रही थी… ( Samandar se nadi lauti ja rahi thi )    कैनवास पर उतरी थी एक नदी समंदर से मिलन की ख्वाहिश संजोए अठखेलियां करती बेधड़क विचरण करती शुष्क मरूधरा पर बहती जाती… निश्छल सी प्रेम पथ पर बाधाओं के दरख़्त गिनती ना थकती थी ना रूकती बस रौं…