संगत | Sangat par chhand
संगत ( Sangat ) अधरों पर मुस्कान हो, सुर सुरीली तान हो, वीणा की झंकार बजे, गीत जरा गाइए। नेह की बरसात हो, सुहानी सी प्रभात हो, अपनों का साथ मिले, जरा मुस्कुराइए। जीवन में बहार हो, मधुर सा संसार हो, मित्रों की संगत मिले, खुशियां मनाइए। पल-पल खुशी मिले, बने ऐसे सिलसिले, यश…