शिव | Shiva kavita
शिव ( Shiva ) अंग भस्म रमाए बाबा, हे नंदी के असवार। गंग जटा समाए बाबा, हे जग के करतार। भोलेनाथ डमरू वाले, शिव सब देवों के देव। खोलो पलकें ध्यान मग्न, भोले बाबा महादेव। आया सावन उमड़ घुमड़, करते पूजा तेरी। बिल पत्र दुग्ध जल चढ़ाए, नाथ सुनो मेरी। गिरि…