श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा विशेष
श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा विशेष महलों में रहने वाला वन में रहा, बीते बरसो तक जंगलों में गुमनाम रहा, खत्म हुई इंतजार की घड़ियां, आज घर घर बस एक ही नाम गूंज रहा, हर मां आज कौशल्या बनी, हर भाई आज भरत सा राह तक रहा, जगमग सारा आज जग हुआ, हर शहर आज अयोध्या…