Sneh ki Dor

स्नेह की डोर | Sneh ki Dor

स्नेह की डोर ( Sneh ki Dor )    मूहूर्तवाद के चक्कर में होते त्योहार फीके फीके, डर से बहना ने नहीं बांधा भाईयो के कलाई में राखी, डर का साम्राज्य खड़ा कर समाज को भयभीत करते हैं धर्म एक धंधा है, जिसमें पढ़ा लिखा भी अंधा है जनता समझने लगीं हैं मूहूर्तवाद के कारोबार…