Sukoon

सुकून | Sukoon

सुकून ( Sukoon )    यादें भी काफूर हुईं,उम्मीदें भी जाती रहीं खाक के सिवा,धरती भी अपनी रही नही चाहा था जिसे,वो भी दिल से पराई हुई हो क्या बात दिल की ,तिश्नगी अब रही नही बदलते चमन की खुशबू मे,रंगत नही होती सुना है यार की,वो मंजिल भी पूरी हुई नही तलाशे सुकु कब…