Sweekar Nahin

स्वीकार नहीं | Sweekar Nahin

स्वीकार नहीं ( Sweekar nahin )   सुमन सरीखी याद तुम्हारी, केवल यूँ हीं स्वीकार नहीं। इस एक धरोहर के सम्मुख ,जँचता कोई उपहार नहीं।। तेरे गीतों को गाने से ,यह हदय कमल खिल जाते हैं। तन्हाई की परछाईं में ,हम तुम दोनों मिल जाते हैं । बातें होती हैं नयनों से ,जब अधर-अधर सिल…