तन्हा रात की दुहाई देती है | Tanha Raat Shayari
तन्हा रात की दुहाई देती है! ( Tanha raat ki duhai deti hai ) तन्हा रात की दुहाई देती है! रौशनी जब दिखाई देती है! यूं उजालों से निस्बत है मेरी खामुशि घर की रुस्वाई देती है! कैसे जी लेते हैं तन्हा लोग होकर हमसफर हिज्र से रिहाई देती है! खुश हैं वो लगाके…