ठहराव |Thaharaav
ठहराव ( Thaharaav ) मुझे तो चलना ही होगा आप चले या ना चलें आपके खातिर मैं रुक नहीं सकता हालांकि आपको छोड़ना भी नहीं चाहता सफर दूर का है फासला बहुत है भरोसा नहीं कल के फजर का मगरिब से पहले पहुंचना है मुकाम तक चलना है मुझे इसी जिद्दी से भरम पालकर…

