तोड़ न उल्फ़त का रिश्ता तू | Ghazal
तोड़ न उल्फ़त का रिश्ता तू ( Tod na ulfat ka rishta too ) तोड़ न उल्फ़त का रिश्ता तू ग़ैर न कर मुझसे चेहरा तू और नहीं आंखों में सूरत ख्वाबों में है हर लम्हा तू वरना चेहरे और यहां है रोज़ नहीं कर यूं शिकवा तू वरना कह दूंगा…