उनकी समझ में थे बहुत से | Ghazal
उनकी समझ में थे बहुत से ( Unki samajh mein the bahut se ) उनकी समझ में थे बहुत से दोस्त और यार अब गिन रहे कितने बचे हैं और गमगुसार !! कासिद ने खत के साथ ही मजमून भी दिया जैसे कि म्यान से अलग से दे कोई कटार !! उस …
उनकी समझ में थे बहुत से ( Unki samajh mein the bahut se ) उनकी समझ में थे बहुत से दोस्त और यार अब गिन रहे कितने बचे हैं और गमगुसार !! कासिद ने खत के साथ ही मजमून भी दिया जैसे कि म्यान से अलग से दे कोई कटार !! उस …