विचारों का है प्रकटीकरण | Poem vicharo ka hai prakatikaran

विचारों का है प्रकटीकरण | Poem vicharo ka hai prakatikaran

विचारों का है प्रकटीकरण ( Vicharo ka hai prakatikaran )   श्राद्ध पक्ष पूर्वजों को समर्पण पुरखों को कर दो तर्पण कुआं ताल पर जल अर्पण उड़द चावल से, आमंत्रण कुशा पैती किया धारण काले तिल मंत्र है उच्चारण दे रहे उन्हें है निमंत्रण अग्रजो का करें अनुकरण पूर्वजों का यह है स्मरण विश्वास लिए…