Wafa par Ghazal

वफ़ा का मेरी आज कुछ तो सिला दो | Wafa par Ghazal

वफ़ा का मेरी आज कुछ तो सिला दो ( Wafa ki meri aaj kuch to sila do ) वफ़ा का मेरी आज कुछ तो सिला दो मुझे छू के जानम मुकम्मल बना दो हज़ारों दिये साथ मिलके जलेंगे झलक एक अपनी अगर तुम दिखा दो नहीं बात करते सनम आजकल तुम हुई क्या ख़ता मेरी…