ये मन्नतों के धागे | Ye Mannaton ke Dhage
ये मन्नतों के धागे ( Ye mannaton ke dhage ) मैं बांध आई थी, एक मन्नत का धागा, मंदिर के द्वार पर। जहाँ न जाने कितनों के द्वारा मांगी गईं थी और मांगी जा रही थी हजारों मन्नतें, जानते थे तुम मेरी पीड़ा को, इसलिए कहते थे बांध आओ तुम भी एक मन्नत का…