Yogacharya Dharmachandra Poetry

योगाचार्य धर्मचंद्र जी की कविताएँ | Yogacharya Dharmachandra Poetry

एडोल्फ हिटलर प्रेम की प्यास में व्याकुलएक नवयुवकऑस्ट्रिया की गलियों मेंघूमा करता।काश कोई तरुणीउसके दर्द कोसमझ पातीऔर करती प्रेम तोवह महान खून का प्यासाना बनता तानाशाह।प्रेम की व्याकुलतालाती विछिप्तताउसी व्याकुलता मेंएक दिनअपनी प्रेयसी की याद कोसीने में दबाएंस्वयं को नष्ट कर लिया ।दुनिया ने कहाबहुत खूंखार थाउसका नाम जुबा पर मत लो। निर्णय हमें करना…