दो घड़ी ठहर जा जिंदगी | Zindagi Par Kavita
दो घड़ी ठहर जा जिंदगी ( Do ghadi thahar ja Zindagi हो रही बरसात प्रेम की, नेह दिलों में छा गया। सबसे हिलमिल जीने का, हमें सलीका आ गया। मधुर प्रीत की वजे बांसुरी, कर लूं थोड़ी बंदगी। दीप जला मनमंदिर में, दो घड़ी ठहर जा जिंदगी। मुसाफिर मंजिल का, मनमौजी मुस्काता…