तुलसी | Tulsi par kavita
तुलसी
( Tulsi )
हरी पूजन तुलसी बिना
रहता सदा अधूरा हैl
विष्णु आशीष से पूजित
घर-घर तुलसी चौरा है l
वृंदा के पतिव्रत के आगे
नारायण भी हारे है l
शालिग्राम से ब्याह रचाया
तुलसी मान बढ़ाया हैl
भोग बिना तुलसी के
हरि को कब भाया हैंl
नारी की सतीत्व ने
हरि को भी झुकाया है।
डॉ प्रीति सुरेंद्र सिंह परमार
टीकमगढ़ ( मध्य प्रदेश )
यह भी पढ़ें :-