ब्रजभूमि साहित्यिक मंच मथुरा पर वार्षिक मैराथन काव्य गोष्ठी
ब्रजभूमि साहित्यिक मंच मथुरा पर वार्षिक मैराथन काव्य गोष्ठी-: मथुरा
(उ.प्र.) दि.२१/०४) २०२२ दिन गुरुवार को ब्रजभूमि साहित्यिक मंच के एक वर्ष पूर्ण होने पर स्थापना दिवस के अवसर पर वार्षिक मैराथन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता आ.नरेन्द्र शर्मा”नरेन्द्र“जी अलीगढ़ (उ.प्र.), मुख्य अतिथि आ.डॉ.रोशनी किरण जी मुम्बई (महाराष्ट्र), संचालन डॉ.एल.बी. तिवारी”अक्स”जी प्रतापगढ़ (उ.प्र.)तथा *संयोजन आचार्य श्रीकृष्ण भारद्वाज मथुरा (उ.प्र.)ने किया। कार्यक्रम में भाग लेने वाले कवि/कवयित्री इस प्रकार थे।
*साहित्य जगत की वरीष्ठ कवयित्री आदरणीया डाॅ अलका अरोडा जी देहरादून, आ.रत्ना वर्मा (झारखण्ड),प्रकाश चन्द्र पाराशर डींग-भरतपुर(राज.), श्री सत्यनारायण तिवारी “सत्य”शहडोल (म.प्र.), श्री रामजीलाल वर्मा बुलन्दशहर, श्री रामेश्वर सिंह”ब्रजवासी”मुरलिया-मथुरा (उ.प्र.) श्री सत्य प्रकाश शर्मा”सोटानन्द”वृन्दावन-मथुरा(उ.प्र.) श्री मोहन सिंह कुशवाहा कानपुर (उ.प्र.), श्री भूदत्त शर्मा हरिद्वार (उत्तराखण्ड),आ.कुसुम सिंह “अविचल” कानपुर (उ.प्र.), श्री सूर्य प्रकाश मिश्र “गौतम”, आ.सुनीता सैनी”गुड्डी”बेंगलूर (कर्नाटक),आ.रेणु शर्मा”श्रद्धा”अहमदाबाद (गुजरात), आ.गार्गी कौशिक गाजियाबाद (उ.प्र.),श्री राम रतन यादव खटीमा-ऊधमसिंहनगर(उत्तराखण्ड), अरविन्द जादौन”स्पष्ट”ग्वालियर (म.प्र.)आ.मीनाक्षी शर्मा”पंकज”एवं आ.विनय शर्मा “दीप”मुम्बई (महाराष्ट्र),श्री आनन्द जैन” अकेला”,श्री दिनेश व्यास”ललकार”चित्तौड़गढ़”(राज.)श्री लालाराम “ब्रजवासी”जुरहरा-भरतपुर(राज.) ,श्री पंकज करें”लेश”रक्शा-झांसी(उ.प्र.)आ.आ.ममता सिन्हा तोपा-रामगढ़ (झारखण्ड),रानी मिश्रा गया( बिहार),आ.ऋषि श्रीवास्तव”निदा”एवं प्रतिभा सिंह एडवोकेट लखनऊ खण्डपीठ लखनऊ (उ.प्र.)देश के दिग्गज ३१ कवि/कवयित्रियों ने काव्यपाठ के साथ पटल को सर्वश्रेष्ठ पटल बनने की बधाई दी।
श्री सुरेश फौजदार भरतपुर, डॉ.राजकुमार”रंजन”डॉ.रामवीर शर्मा”रवि”,डॉ.अंगद धारिया आगरा,श्री बलराम सरस एटा,श्री नागेन्द्र नाथ गुप्ता, आ.गीता गर्ग मथुरा, आ.अनामिका दुबे”पुष्पा”कन्नौज (उ.प्र.) देवप्रिया तिवारी दुबई, नेहा वर्तिका स्वीडन, प्रियंका त्रिपाठी दिल्ली, शालिनी मिश्रा,तथा जिया हिन्दवाल (उत्तराखण्ड),ज्ञानेन्द्र पाण्डेय”अवधी मधुरस) अमेठी (उ.प्र.)निजी व्यस्तता एवं तकनीकी कारणों से जुड़ने में असमर्थ रहे। श्रोताओं की संख्या अधिक समय तक ५० से ऊपर रही हजारों की संख्या में कमेंट आये।
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