गणेश जी की वंदना | Ganesh Ji Ki Vandana
गणेश जी की वंदना
( Ganesh Ji Ki Vandana )
रिद्धि सिद्ध के दायक हैं यह गौरी पुत्र विशेष
जय जय श्री गणेश गणपति जय जय श्री गणेश
तुछ्य प्राणियों को भी बाँटे अपना प्यार दुलार
मूषक को भी निज वाहन किया सहर्ष स्वीकार
मात-पिता की सेवा का भी जग को दिया संदेश।।
जय जय श्री गणेश——
हम सब के ही भाग्य चक्र की लिखी है तुमने पाती
तेरे सम्मुख जल नहीं पाती किसी ग्रह की बाती
तेरे आगे झुके हैं भगवन बड़े बड़े देवेश ।।
जय जय श्री गणेश—
तुमने ही तो ज्ञान के दीपक इस जग में हैं बारे
बड़े बड़े संकट लम्बोदर हम भक्तों के टारे
सबसे पहले पूजें तुझको शिव का है आदेश।।
गौरी पुत्र निभाई तुमने माँ गौरी की आन
महादेव से भी लड़ बैठे माँ की आज्ञा मान
साग़र के भी काट दो गणपति अब तो सभी क्लेश ।।
जय जय श्री गणेश गणपति जय जय श्री गणेश
कवि व शायर: विनय साग़र जायसवाल बरेली
846, शाहबाद, गोंदनी चौक
बरेली 243003
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