सर्दी | Sardi
सर्दी
सर्दी में होती जब कड़क ठंडी हवा ।
चाय की प्याली होती सबकी प्यारी दवा।।
मास दिसंबर में जब होती प्यारी सर्दी।
भाई पहन लेते सब अपनी गर्म वर्दी।।
सर्दी में जब-जब ठंडी हवा चलती।
कपड़े भी देखो कहा हवा सुखाती।।
ठंडी हवा में चाय की प्याली होती प्यारी।
ठंडी हवा में चाय का मजा लें दुनिया सारी।।
किट-किट बजते जब सबके प्यारे दांत।
याद आए भाई सबको चाय अपने हाथ।।
कंपकंपाती देती सर्दी में ठंडी हवा।
भूले ना कोई ठंडी हवा का जलवा।।
ठंडी हवा में खाते बादाम काजू पिस्ते।
चाय की प्याली बना देती मधुर रिश्ते।।
ठंडी हवा में चाय की प्याली मन भाए।
कंडा ठंडी हवा में सब मन भर जलाए।।
सुनील कुमार
नकुड़ सहारनपुर
उत्तर प्रदेश भारत