Search Results for: नाटक

T. S. Eliot

टी. एस. एलियट की अनुवादित कविता | अनुवादक- दीपक वोहरा

टी. एस. एलियट एक प्रमुख अंग्रेजी कवि, निबंधकार, नाटककार, और आलोचक थे, जिनका जन्म 26 सितंबर 1888 को सेंट लुइस, मिसौरी, अमेरिका में हुआ था। 25 साल की उम्र में इंग्लैंड चले गए और वहीं बस गए। उन्होंने 20वीं सदी के आधुनिक काव्य आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आंखें जिन्हें आखिरी बार देखा था आँसुओं…

सम्मानित हुई साहित्यकार डॉक्टर सुमन धर्मवीर

सम्मानित हुई साहित्यकार डॉक्टर सुमन धर्मवीर

“डॉ सुमन धर्मवीर” को मिला हिंदी आइडल सम्मान जिले की प्रसिद्ध कवियित्री, लेखिका तथा नाटककारा “डॉक्टर सुमन धर्मवीर ” को एक कार्यक्रम के बीच सम्मानित किया गया है। नेपाल के लुंबिनी में आयोजित किए गए एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन कार्यक्रम के माध्यम से आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम जिले की कवियित्री, लेखिका तथा नाटककारा “डॉक्टर सुमन धर्मवीर…

श्रीमती उमेश नाग की कविताएं

श्रीमती उमेश नाग की कविताएं

आवाज का जादू आवाज का जादू सिर पर चढ़कर बोलता है।सुरीली आवाज कर देती है मंत्रमुग्ध,मीठी बोली आकर्षकित करती है -सभी को।आवाज का जादू हर नर को लेजाता इच्छित लक्ष्य तक पहुंचाता-है।मीठी वाणी करती है जादूई असर,कर्कश आवाज बना देती है शत्रु। जिनके हृदय श्रीराम बसे जिनके हृदय श्रीराम बसे,वे औरों को नाम लियो-या न…

विश्व स्तरीय रामलीला नरईपुर की

विश्व स्तरीय रामलीला नरईपुर की

आजमगढ़, तहसील और ब्लाक मार्टिनगंज के अंतर्गत अपनी ग्राम पंचायत नरई-सुल्तानपुर की रामलीला जो नरईपुर में आज भी मंचित होती है इसकी शुरुआत कब और कैसे हुई,ठीक-ठीक से कहना मुश्किल है। इस सिलसिले में जब मैंने मुंबई से आदरणीय श्री मदन मोहन चौबे जी तथा आदरणीय कैलाश मिश्र जी से ऑनलाइन बात की तो उन्होंने…

बापू से गुहार | Bapu se Guhar

बापू से गुहार | Bapu se Guhar

बापू से गुहार ( Bapu se guhar ) प्यारे बापू आज अगर तुम इस युग में जिंदा होते।हम जैसे निष्क्रिय लोगों के बीच में तुम जिंदा होते ।देख के सारी चाल कुचालें तुम बापू,निश्चय ही हम सब से तुम शर्मिंदा होते । 1 आओ बापू अब फिर से तुम भारत में आओ।आज के नेताओं को…

हिन्दी दिवस पर आरंभ चैरिटेबल फाउंडेशन की राष्ट्रीय पत्र लेखन प्रतियोगिता

हिन्दी दिवस पर आरंभ चैरिटेबल फाउंडेशन की राष्ट्रीय पत्र लेखन प्रतियोगिता

आरंभ चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय स्तर पर पत्र लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई , जिसका विषय था –मेरे हिंदी शिक्षक को पत्रसंस्थान अध्यक्ष अनुपमा अनुश्री के अनुसार इस प्रतियोगिता में भारत के सभी प्रांत राजस्थान ,महाराष्ट्र ,कर्नाटक ,दिल्ली, मध्य प्रदेश , उत्तर प्रदेश आदि राज्यों से लगभग डेढ़ सौ छात्र-छात्राओं…

बदलते समय के साथ बदलती हुई हिंदी

हिन्दी के अन्तर के स्वर

हिन्दी को भारत की राष्ट्रभाषा मान्य किये जाने के लिये १९७५ में लोकसभा में प्रस्तुत प्रस्ताव अमान्य कर दिये जाने के क्षोभ और विरोध में “हिंदी के अंतर के स्वर” शीर्षक रचना लिखी गई।१९७६ में मारीशस के द्वितीय विश्व हिंदी सम्मेलन में यह रचना प्रस्तुत हुई तो यह वहाॅं प्रशंसित और अभिनन्दित हुई।इस रचना के…

” निज भाषा उन्नत अहै सब भाषा को मूल “

” निज भाषा उन्नत अहै सब भाषा को मूल “

“निज भाषा उन्नत अहै सब भाषा को मूल “यानी अपनी भाषा से ही हम वास्तविक उन्नति कर सकते हैं। निज मतलब अपनी स्वयं की भाषा।मातृभाषा ,राजभाषा, राष्ट्रभाषा ही असली भाषा है जो राष्ट्र का और नागरिकों का सही अर्थों में उच्चकोटि का विकास कर सकती है। भारत की राष्ट्रीय भाषा, जनसंपर्क भाषा, राजकीय भाषा हिंदी…

Srinivas N Hindi Poetry

श्रीनिवास यन की कविताएं | Srinivas N Hindi Poetry

अनुराग माँ के प्रति प्रेम होना हैबाप के प्रति प्रेम होना हैभाई के प्रति प्रेम होना हैबहिन के प्रति प्रेम होना हैप्रेम से जीवन उत्साह होता श्रीनिवास! माँ – बाप के बीच प्रेम होना हैपति – पत्नी के बीच प्रेम होना हैप्रभू -भक्त के बीच प्रेम होना हैगुरु – शिष्य के बीच प्रेम होना हैप्रेम…

डॉक्टर बिटिया रानी थी | Doctor Bitiya Rani Thi

डॉक्टर बिटिया रानी थी | Doctor Bitiya Rani Thi

( क्षोम है, दुख है, दुर्भाग्य है…यह कैसी विडंबना! ) डॉक्टर बिटिया रानी थी दिन माह क्षण भूमंडल पर धू धू करती इस अवनी पर आक्रोश, क्लेश संघर्षों का एक पल चैन नहीं मिलता। होना क्या है समय गर्भ में कोई कुछ नहीं कह सकता ऐसा कौन दिन न बिता हो जो, खबर अशुभ नहीं…