ओर अंततः मैने बिरयानी खा ही ली..
यह मेरे लिए बड़ी परेशानी वाली बात थी कि कोयम्बटूर में शाकाहारी होटल नही के बराबर है.. ईक्का दुक्का होंगी भी तो मेरी नजरो से नही गुजरी.. रेलवे स्टेशन पर ही होटल हरिप्रिया में मेरा मुकाम था और यही एक शाकाहारी होटल थी जहाँ मैं दक्षणी भारत का भोजन करता था।
शुरुआती कुछ दिन तो मैने खुशी खुशी दक्षिण का भोजन ग्रहण किया मगर बाद में मुझे यह अरुचिकर लगने लगा.. इसका यह मतलब कतई नही निकाला जाना चाहिए कि वो भोजन अच्छा नही था.. वो अच्छा ही था मगर मुझे दाल रोटी सब्जी के अलावा और कुछ अधिक भाता नही सो मेरे लिए परेशानी का सबब वाली बात हो गई थी।
अब मैं करू तो क्या करूँ क्यो की वहा के लोगो को हिंदी आती नही ओर अंग्रेजी मेरी पहली कक्षा के विद्यार्थी से कुछ अधिक अच्छी नही.. अपनी बात उन्हें बताने में समझाने में पसीने आ जाते थे.. अंततः एक दिन मैं उन्हें यह समझाने में कामयाब रहा कि मुझे कुछ और भोजन दो.. रोज रोज एक सा खाना खा कर मैं उकता गया हूं।
इस पर वे बोले आज आप बिरयानी खा लीजिये.. बिरयानी नाम सुन मैं चौक उठा.. इतने दिनों से शाकाहारी होटल बोल बोल कर कमबख्त मुझे खाना खिलाये जा रहे थे और अब आज बोल रहे हैं कि बिरयानी खा लू.. मुझे बिरयानी नाम सुन कर ही उबकाई आने लगीं.. बिरयानी.. उफ कैसा गंदा मांस का बना ये पदार्थ मुझे खाने के लिए ये बोल रहे थे.. मैं बिफरते हुए बोला तुम कितने बदमाश लोग हो।
शाकाहारी होटल का नाम रख कर मांस बेचते हो.. मेरा रौद्र रूप देख कर वो सहम गया और होटल मालिक को बुला लाया.. पहले तो थोड़ी देर वो भी कुछ समझ न पाया कि क्या बात है.. फिर जब समझ मे आय तो बोला सर ये वेज बिरयानी है.. आप खा सकते हो.. हमारा होटल शुद्ध शाकाहारी है.. इधर नॉनवेज नही मिलता है.. मगर मैं यह मानने को तैयार नही था कि बिरयानी शाकाहारी भी हो सकती है।
मैने आज तक सैकड़ो पुस्तको में बिरयानी का मतलब मांसाहारी पदार्थ के रूप में ही पढ़ा है.. वे लोग मुझे यकीन दिलाने लगे कि बिरयानी शाकाहारी भी होती है.. मैने पूछा कि इस मे क्या क्या होता है तो बताया गया कि चावल के अंदर कुछ सब्जियां और काजू किशमिश डाल कर इसे बनाते हैं।
फिर भी मेरा मन यह मानने को तैयार नही था.. मुझे लग रहा था कि ये झूठ बोल रहे हैं और दिशा भूल कर के मांस खिलाना चाहते हैं.. मैने एक दो मित्रो को फोन लगा कर पूछा तो उन्होंने भी सहमति प्रदान की कि बिरयानी शाकाहारी भी होती है.. फिर थोड़ा मैं शांत हुआ और ठंडे स्वर में पूछा कि पक्का है न कि बिरयानी में मांस नही है.. वे बोले आप निश्चिंत हो कर खाइए.. मैने कहा ले आओ.
बिरयानी खाते खाते भी मेरे मन मे अलग प्रकार के भाव उठ रहे थे.. यह नाम ही कितना गंदा है.. कम्बख्तों को कोई और नाम नही मिला क्या इस शाकाहारी व्यंजन का.. सचमुच बड़ी मुश्किल होती है शाकाहारियों को ऐसे मांसाहारी पदार्थ वाले नाम के शाकाहारी भोजन को खाने में.. चावल से बनी बिरयानी खाना मुझे बड़ा मुश्किल लग रहा था।
न जाने क्यों मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं कोई अनर्थ कर रहा हु.. पाप कर रहा हु.. बिरयानी खाना मेरा काम नही.. मगर शुक्र था कि भले ही नाम मांसाहारी था मगर अन्न वो शाकाहारी था.. बिल चुकाते हुए मैं बोला इतना गंदा नाम नही रखना.. कुछ अच्छा और बढ़िया नाम रखो इस बिरयानी का.. वे लोग व्यंग्य से मुस्कराने लगे.. मैने होटल में नजर घुमाई तो वेटर के साथ साथ अन्य ग्राहक भी मुझे ही देख रहे थे.. अनेक अनेक धन्यवाद।

रमेश तोरावत जैन
अकोला
मोब 9028371436
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