“अप्रैल फूल” बनाना पड़ा महंगा

मजाक की अपनी एक सीमा होती है। कुछ पल के लिए उसे बर्दाश्त किया जा सकता है जब तक की किसी को शारीरिक/मानसिक या...

खेवनहार | Sansmaran Khevan Haar

आज मैं एक विद्यालय में गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य जी सिगरेट के कस ले रहे थे। तब से दूसरे अध्यापक भी बीड़ी का बंडल निकाल...

डा० रविन्द्र गासो के साथ कुछ लम्हे

मैं गासो जी से जनवरी में हरियाणा सृजन उत्सव के दौरान पहली बार मिला था। वो सब के साथ मिलनसार और दूसरे को आपको...

परवरिश | Parvarish

परवरिश ( संस्मरण )  उस दिन भी सावन का ही महिना और सोमवार का दिन था । बाबूजी (ससुर जी )शिव के अनन्य भक्त । तो...

मेरी मां | Maa ka Sansmaran

संस्मरण: १ मां के जीवन के बारे में कई दिनों से लिखने का प्रयास कर रहा हूं परंतु सोचता हूं की मां के जीवन को...

मेरा सबसे अच्छा मित्र | संस्मरण

आज मै प्रस्तुत हूँ अपने एक शानदार दोस्त के साथ जिसके साथ मेरा संम्बंध लगभग उन्नीस साल पुराना है। जिसके साथ हँसी मजाक मे...