बाल-प्रज्ञान

बालमन का सुन्दर विश्लेषण करती है बाल-प्रज्ञान

सन् 1989 में हरियाणा में जन्मे डॉ. सत्यवान सौरभ बालसाहित्य के एक सुपरिचित हस्ताक्षर हैं। साहित्यकार, पत्रकार और अनुवादक डॉ. सत्यवान सौरभ ने बच्चों के साथ ही बड़ों के लिए भी विपुल साहित्य सर्जन किया है। बाल कविता की पुस्तकों के साथ ही प्रौढ़ साहित्य में दोहा, कथा, कविता, अनुवाद, रूपान्तर, सम्पादन की कई कृतियों…

बाल प्रज्ञान

बाल प्रज्ञान : बालमन का सुन्दर विश्लेषण

सन् 1989 में हरियाणा में जन्मे डॉ. सत्यवान सौरभ बालसाहित्य के एक सुपरिचित हस्ताक्षर हैं। साहित्यकार, पत्रकार और अनुवादक डॉ. सत्यवान सौरभ ने बच्चों के साथ ही बड़ों के लिए भी विपुल साहित्य सर्जन किया है। बाल कविता की पुस्तकों के साथ ही प्रौढ़ साहित्य में दोहा, कथा, कविता, अनुवाद, रूपान्तर, सम्पादन की कई कृतियों…

माय साइलेंट लव

माय साइलेंट लव : प्रेम बजाज की अद्वितीय रचना

प्रस्तुत उपन्यास ‘माय साइलेंट लव’ (जस्ट फाॅर यू) लेखिका प्रेम बजाज का पहला उपन्यास है किन्तु पढ़ने के बाद किसी भी पहलू से पहला नहीं लगता। अपने सालों के अनुभवों का निचोड़ सुंदर शब्दों में पिरोकर कहानी का गुंफन किया है। इस उपन्यास के मुख्य किरदार को वास्तविक जीवन में उपेक्षित व्यक्ति को मद्देनजर रखकर…

The Heartfulness Way

इन दिनों मैंने पढ़ा

यादें अजीब है मनुष्य की प्रकृति ।जो हमारे पास है उसका हमें आभास तक नहीं होता और वही चीज कुछ दिनों के लिए हमसे दूर हो जाए तो उसकी याद सताती हैं ।हम उसके लिए व्याकुल हो जाते हैं। यह पुस्तक मुरारी लाल शर्मा जी ने अपनी धर्मपत्नी की याद में लिखा है। इसमें उन्होंने…

hindi saptah ka shri ganesh

राष्ट्रीय साक्षरता दिवस से हिंदी सप्ताह का श्रीगणेश

राष्ट्रीय साक्षरता दिवस से हिंदी सप्ताह का श्रीगणेश माता भारती के भाल पर स्वर्णिम सजी बिंदी। वो है समृद्धशाली राष्ट्र का गौरव मेरी हिंदी।। छिन्दवाड़ा :- साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद, संस्कृति विभाग, मध्यप्रदेश शासन की इकाई पाठक मंच (बुक क्लब) छिंदवाड़ा द्वारा राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर हिंदी सप्ताह का आगाज करते हुए…

कैनवस के पास : प्रेम-सम्बन्ध से शून्य तक की यात्रा

कैनवस के पास : प्रेम-सम्बन्ध से शून्य तक की यात्रा

जसप्रीत कौर फ़लक़ के सद्यप्रकाशित काव्य-संकलन ‘कैनवस के पास’ गद्य-पद्य में काव्यार्चन के सुवासित पुष्प लेकर हिंदी साहित्य जगत में उपस्थित है। स्नेह-सुवासित इस संग्रह के काव्य-सुमन ह्र्दयक्षेत्र को आप्लावित करते हैं। यहाँ प्रेमजल से सिंचित मन भावनाओं के अनेक इंद्रधनुष खिलाता है। प्रेमजन्य पीड़ा भी कवयित्री ने कविताओं में व्यक्त की है और यही…

प्रकृति व स्त्री विमर्श

पुस्तक समीक्षा : ” प्रकृति व स्त्री विमर्श “

पुस्तक समीक्षा:“प्रकृति व स्त्री विमर्श ” लेखिका: डॉक्टर सुमन धर्मवीर प्रकाशक: पुष्पांजलि विगत दिनों से जब से यह पुस्तक मेरे हाथ में समीक्षा के लिए आई है। तब से मेरे मन में सबसे पहले इसके टाइटल को लेकर कौतुहल था। प्रकृति तो प्रकृति है पर इसके साथ स्त्री विमर्श का क्या औचित्य है। खैर थोड़ी…

girmitiya mahakavya

कल्पना लालजी के गिरमिटिया महाकाव्य में भारतीय संस्कृति और परिवेश बोध – डॉ. राजेश कुमार ‘माँझी’

हम सभी जानते हैं कि बीसवीं सदी में अनेक भारतीय लोगों को कैरेबियन देशों अर्थात् फिज़ी, मौरिशस, सूरिनाम, गयाना, त्रिनिडाड आदि देशों में शर्तबंदी प्रथा के अंतर्गत भारत से ले जया गया जिन्हें गिरमिटिया मज़दूर के नाम से जाना जाता है । वे सशरीर भले ही विदेशों में रहे परंतु उनका मन भारत की सभ्यता,…

Fiji me Hindi

फ़ीजी में हिन्दी : “विविध प्रसंग”

बिहार की मिट्टी में जन्में ‘डॉ. राजेश कुमार माँझी’ का नाम गिरमिटिया लेखन के लिए साहित्य में एक जाना पहचाना नाम है। आप उप निदेशक ( राजभाषा) इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार में भी कार्यरत रहे हैं वर्तमान में आप दिल्ली के जामिया मिल्लिया में हिन्दी अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं ।…

प्रकृति व स्त्री विमर्श

“स्त्री व नारी विमर्श”: नारी सशक्तिकरण की प्रेरणादायी कहानियों का संग्रह

नारी प्रधान कहानियां डॉ सुमनधर्म वीर द्वारा लिखी गई किताब “स्त्री व नारी विमर्श” हमने पढ़ी । यह किताब बहुत ही अच्छी तरह से लिखी गई है। क्योंकि इस किताब में नारी प्रधान कहानियां हैं । किस तरह से हमारा समाज एक नारी को देखता है चाहे वह अपने मायके में रहे या ससुराल में…