प्यार में दिल टूटा नहीं होता

प्यार में दिल टूटा नहीं होता

प्यार में दिल टूटा नहीं होता     प्यार में दिल टूटा नहीं होता जख़्म दिल में गहरा नहीं होता   ढूंढ़ पाता नहीं नगर में मैं याद जो  वो चेहरा नहीं होता   फ़ेरकर मुंह नहीं चलता उससे  ग़ैर उससे रिश्ता नहीं होता   तोड़ देता मैं प्यार के धागे प्यार से जो देखा…

रोज़ मुझको हिचकियां आती रही!

रोज़ मुझको हिचकियां आती रही!

रोज़ मुझको हिचकियां आती रही!     रोज़ मुझको हिचकियां आती रही! यादों की ही सिसकियां आती रही   बात बिगड़ी उससे ऐसी गुफ़्तगू में रोज दिल में  दूरियां आती रही   काम कोई भी हल नहीं मेरा हुआ है रुलाने  मजबूरियां आती रही   हार मैंनें भी नहीं मानी लड़ने में दुश्मनों की धमकियां…

अरमां यूं भी मरते देखा

अरमां यूं भी मरते देखा

अरमां यूं भी मरते देखा   अरमां यूं भी मरते देखा। दिल ही दिल में पलते देखा।।   आगे बढता देख किसी को। दिल दुनिया का जलते देखा।।   दुनियादारी के रिश्तों में। सबका ढंग बदलते देखा।।   गर्व करे तू क्या यौवन का। वक्त पडे सब ढलते देखा।।   दो कौङी के लोगों का…

जानम पहला पहला प्यार है 

जानम पहला पहला प्यार है

जानम पहला पहला प्यार है      जानम पहला पहला प्यार है रात दिन बस तेरा ख़ुमार है   नींद आये कैसे यादों में इश्क़ में आंखें बेदार है   देखता मैं  रहूँ उसको ही खूबसूरत इतना दिलदार है   प्यार में डूबा है दिल उसके कर गया आंखों से वार है   अब रहा…

देश आवाज अब दें रहा

देश आवाज अब दें रहा

देश आवाज अब दें रहा   देश आवाज अब दें रहा खून अपना बहा दो कभी   मुल्क है मुश्किलों से घिरा जान सब की बचा लो अभी   इस वतन से अदूँ दो भगा आग है इक दिलों में लगी   देश भर में अमन ही रहे रोशनी भी जलेगी कभी   किस तरह…

रोज़ हर दिल में मुहब्बत ढूंढ़ता हूँ

रोज़ हर दिल में मुहब्बत ढूंढ़ता हूँ

रोज़ हर दिल में मुहब्बत ढूंढ़ता हूँ     नफ़रतों में वो नज़ारत ढूंढ़ता हूँ! रोज़ हर दिल में मुहब्बत ढूंढ़ता हूँ   हर गली में ही भटकता हूँ सारा दिन जिंदगी की रोज़ राहत ढूंढ़ता हूँ   पर नहीं मिलती किसी में ही यहां तो हर किसी में अच्छी आदत ढूंढ़ता हूँ   खो…

कर कोई बावफ़ा नहीं होता

कर कोई बावफ़ा नहीं होता

कर कोई बावफ़ा नहीं होता     कर कोई बावफ़ा नहीं होता प्यार से हर भरा नहीं होता   मैं नहीं जीता जीवन फ़िर तन्हा वो अगर जो जुदा नहीं होता   चाह  उसकी न दिल फ़िर रखता जीस्त में वो  मिला नहीं होता   आरजू फ़िर न होती मिलनें की शहर उसके गया नहीं…

भरोसा क्या बहारों का

Ghazal | भरोसा क्या बहारों का

भरोसा क्या बहारों का ( Bharosa Kya Baharon Ka )     गुलों को खुद खिला लेना भरोसा क्या बहारों का। खुदी से दोस्ती करना भरोसा क्या है यारों का।।   नहीं रौशन फिजा होती कभी भी आजमा लेना। है चंदा आसमां में तो नज़ारा क्या सितारों का।।   करो उम्मीद जब भी तुम हमेशा…

लग रहा जैसे हो सजा जीवन

लग रहा जैसे हो सजा जीवन

लग रहा जैसे हो सजा जीवन     लग रहा जैसे हो सजा जीवन! इस कदर ग़म से भर गया जीवन   जी न पाया कभी ख़ुशी के पल ग़म की भट्टी में यूँ जला जीवन   एक पल की ख़ुशी की चाहत में बस भटकता रहा मेरा जीवन   ग़म ही ग़म हैं मेरी…

होता उसका अब नहीं दीदार है

होता उसका अब नहीं दीदार है

होता उसका अब नहीं दीदार है     होता उसका अब नहीं दीदार है  राहों में मेरी खड़ी दीदार है     बोलता मुझसे नहीं वो आजकल वो मुझे लगता खफ़ा  ही यार है     राह में मेरी किसी के आने की मेरी आंखें  नींद से बेदार है     प्यार का क्या बोलेगा…