दुल्हन किसकी?
शाम को जब पवन मजदूरी से घर वापस आया तो… उसको पता चला कि पवन का दूर का मौसेरा भाई मोहित उसके पीछे अपनी शादी का कार्ड पड़ोस में देकर गया है।
शादी के कार्ड पर जब उसने लड़की का नाम नीलम, पिता का नाम रामस्वरूप, गांव रामनगर, जिला काशीपुर, राज्य उत्तराखंड लिखा देखा तो… वह चौंक पड़ा। यह तो वही लड़की थी जिसके साथ उसकी शादी पहले हो चुकी थी। आनन फानन में वह अपनी ही शादी का कार्ड उठाकर अपने रिश्तेदार मोहित के घर पहुंचा।
घर पर मोहित के पिता जगदीश थे। मोहित कार्ड बॉटने गया हुआ था। पवन ने मोहित के पिता जगदीश एवं घर में मौजूद परिवार के सदस्यों से नीलम से शादी न करने की अपील की। सब हैरानी से पवन को देखने लगे। उन्होंने “मोहित की शादी नीलम से क्यों न करें?” शादी न करने का कारण पूछा। पवन बोला-
“जिस नीलम से आप मोहित की शादी करना चाहते हैं, उस लड़की से मेरी शादी पिछले वर्ष हो चुकी है। वह मेरी पत्नी है। लड़की पक्ष वाले एक नंबर के फ्रॉड हैं। वे ऐसे लोगों पर नजर रखते हैं जो सीधे साधे हो, लेकिन गलत संगत में पड़े हुए हों तथा जिनकी शादी ना हो रही हो।
ऐसे लोग अपनी शादी करवाने के नाम पर अच्छी मोटी रकम देने को तैयार रहते हैं। इस काम में उनकी मदद आसपड़ोस के गांव के कुछ लोग रुपए लेकर कर देते हैं। पिछले साल मेरे साथ भी यही हुआ था। मेरे से भी इस लड़की के परिवार वालों ने शादी के नाम पर ₹300000 रुपये लूट लिये थे।
बीस दिन तक नीलम मेरी पत्नी बनकर गांव में रही। फिर एक दिन मुझसे कहने लगी कि मुझे अपने पिता से मिलने मायके जाना है। मुझे भी इस पर तरस आ गया। सोचा नई-नई शादी हुई है, बेचारी का मन बहल जायगा इसलिए एक बोलेरो बुक करके इसको परिवार से मिलाने रामनगर लेकर जा रहा था।
रास्ते में पूरनपुर गांव पड़ा। नीलम बोली- यह मेरी मौसी का गांव है। थोड़ी देर मौसी के घर चलते हैं। फिर आराम करके आगे मायके चले जाएंगे। ड्राइवर को भी आराम मिल जायेगा, बेचारा कई घण्टे से चला रहा है।
मैं भी इसके बहकावे में आ गया। मुझे नहीं पता था कि इसके दिमाग में क्या चल रहा है? इसके बाद नीलम ने उस गांव की तंग गलियों में हमारी बोलोरो गाड़ी को फंसा दिया और पेशाब करने के बहाने गाड़ी से निकलकर भाग गई। हम उसको ढूंढते रहे लेकिन वह हाथ नहीं आयी।
हम उसके पिताजी से भी मिले लेकिन उन्होंने भी मना कर दिया कि नीलम यहां नहीं आई? ज्यादा पूछताछ करने पर उल्टे हमको नीलम को गुम करने और जान से मार डालने का इल्जाम लगाने की धमकी देने लगे।
चूंकि दूसरा राज्य था और दूसरा इलाका भी… अपने उत्तर प्रदेश की बात होती तो अलग बात थी। घर से वहाँ तक की दूरी भी 300 किलोमीटर थी, इसलिए हम वहाँ कुछ ना कर सके। वहाँ की पुलिस भी उनसे मिली हुई है। मजबूरन हमें वापस आना पड़ा। क्या करते? इस तरह नीलम से शादी हमें बहुत महंगी पड़ी।
शादी करने को भी 3 लाख देने पड़ गए थे और शादी के बाद वह हमारा सारा कैश और जेवरात लेकर भाग गई। कल शाम जब काम से वापिस आया तो मोहित की शादी का कार्ड देखा तो दुल्हन पक्ष की सब डिटेल वही थी जैसी मैंने अपनी शादी के कार्ड पर छपवाई थी।
मुझे यकीन है कि हो ना हो… यह नीलम वही है जिससे मेरी शादी हुई थी।”
“तुम ऐसा कैसे कह सकते हो कि यह लड़की वही है? कोई और भी तो हो सकती है?” जगदीश ने सवाल किया।
“आप खुद सोचो… लड़की का नाम, पिता का नाम, ग्राम, जिला व राज्य सब कुछ एक से तो नहीं हो सकते? मुझे पता था कि आप मेरी बात का यकीन न करोगे इसलिए मैं अपनी शादी का कार्ड भी उठा लाया हूँ.. जो मैंने अपनी शादी के दौरान बांटे थे।
ये लोग लड़के पक्ष वालों के यहां आकर किसी होटल में शादी करते हैं और वापिस चले जाते हैं। कुछ दिनों बाद दुल्हन मौका देखकर भाग जाती है। मेरे साथ यही हुआ था और आपकी शादी के कार्ड पर भी लिखा हुआ है कि शादी यहीं के एक बैंकेट हॉल में होगी।
अगर मैं झूठ बोल रहा हूँ तो बताओ? सोचो, ये लोग अपने इलाके में शादी क्यों नहीं करते? मैं इतना यकीन के साथ कह सकता हूँ कि मोहित की शादी के लिए भी उन्होंने आपसे रुपए जरूर लिए होंगे क्योंकि जैसी मेरी हालत है, वैसी ही मोहित की भी है। हमारे चाल चलन को देखते हुए हमें यहाँ कौन अपनी लड़की देगा? लड़को को तो लड़की के साथ दहेज मिलता है लेकिन हमें तो कोई यहां लड़की भी न देगा। इसलिए मजबूरन हमें शादी के लिए रुपए देने पड़ते हैं?”
“बात तो तेरी ठीक है। हमने भी शादी के लिए बिचौलियों को डेढ़ लाख रुपए दिए हैं। लेकिन अभी भी मुझे ऐसा लगता है कि यह वह लड़की नहीं है जिसको तू अपनी नीलम कह रहा है।”
“अगर आपको ऐसा लगता है तो मैं एक काम करता हूँ कि उनकी पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवा देता हूँ। अगर ये वही हुए जिनसे मेरी शादी हुई थी तो ये लोग यहाँ शादी करने नहीं आएंगे। अगर इसके बावजूद ये शादी को आए तथा कोई और निकले तो… मोहित नीलम से शादी कर सकता है। मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी। बोलो, मंजूर है?”
“मान लो। अगर ये वही निकले जिससे तेरी शादी हुई थी, तब क्या होगा? नीलम किसके पास रहेगी?”
“होना क्या है? नीलम मेरी पत्नी है। उसको तो मैं अपने साथ ले जाऊंगा और अपने कब्जे में रखूंगा। उससे अपने सारे रुपए लूंगा, जो उन्होंने मुझसे ठगे हैं जिनको वह चुराकर लेकर गई है। तुम्हारे रुपये भी दिलवाने की कोशिश करूंगा। अगर रुपए देने या साथ रहने को मना करती है तो धोखाधड़ी के आरोप में जेल के अंदर करवा दूंगा। उसके सारे गैंग को पकड़वा दूंगा। मेरा कहना मानो, आप भी मेरे साथ शिकायत दर्ज करने कोतवाली चलो। इसी में दोनों की भलाई है।”
“यह तो गलत है। इसमें हमारा क्या फायदा होगा? इसमें तो तेरा ही फायदा है। दुल्हन भी तुझे चाहिए और रुपए भी तुझे चाहिए। मुझे तो ऐसा लगता है कि जरूर तुझमें ही कोई कमी होगी, तभी नीलम तुम्हें छोड़कर चली गई। खुद औरत को रखना नहीं आया और हमें शादी करने से मना करने चला आया।
एक गांव में एक ही नाम के दो व्यक्ति बिल्कुल भी हो सकते हैं। एक तो मोहित की शादी हो नहीं रही थी। कोई भी आस पड़ोस के गाँव का व्यक्ति अपनी लड़की की शादी उससे करने को तैयार नहीं था। उम्र भी 40 साल से ऊपर हो गई है। बड़ी मुश्किल से एक जगह से उसका रिश्ता पक्का हुआ है तो तू अपना दुखड़ा रोने आ गया। रिश्ता तुड़वाने आ गया।”
“मैं सिर्फ आपको सतर्क करने आया था ताकि आप ठगने से बच जाएं। मौसा जी, अगर ये वही लोग हैं जिन्होंने मुझे बर्बाद किया है तो मैं यह शादी हरगिज नहीं होने दूंगा, चाहे कुछ भी हो जाए। मैं उन्हें छोड़ूंगा नहीं। बड़ी मुश्किल से उन्हें पकड़ने का मौका मिला है मुझे। यह मैं हाथ से जाने नहीं दूंगा।”
“तू हमें माफ कर। तुझे जो करना है, कर ले। मोहित की शादी वहीं होगी। अब हमें बख्श दे, हमारा दिमाग और खराब मत कर।” जगदीश ने दो टूक पवन को जवाब दिया।
पवन वहाँ से सीधा दोनों शादी के कार्ड (अपनी व मोहित दोनों की शादी के कार्ड) लेकर कोतवाली पहुँचा। उसने वहाँ नीलम और उसके परिवार वालों के खिलाफ रुपये ऐंठकर, धोखाधड़ी से शादी करने और घर के जेवहरात चोरी का इल्जाम लगाया। उसकी जीते जी नीलम द्वारा दूसरी शादी करने की भी शिकायत दर्ज कराई।
मोहित की शादी वाले दिन, पवन पुलिस कर्मियों के साथ बैंकट हॉल के बाहर, नीलम और उसके परिवार के आने का इंतजार कर रहा था। पूरी रात हो गई, लेकिन दुल्हन पक्ष वाले होटल में शादी के लिए नहीं पहुंचे। चारों तरफ मोहित की शादी चर्चा का विषय बनी रही।
रात से सुबह हो गई लेकिन दुल्हन नहीं आयी। सुबह 6 बजे सूचना मिली कि दुल्हन नीलम और उसका परिवार काशीपुर से शादी के लिए कार से आ रहा था, लेकिन रास्ते में भयंकर एक्सीडेंट हुआ और दुल्हन खत्म हो गई। परिवार के बाकी सदस्य भी अस्पताल में भर्ती है।
जबकि सच्चाई यह थी कि किसी मुखबिर पुलिस वाले ने चंद रुपयों के लालच में लड़की पक्ष को खबर दे दी थी कि पवन ने उनको पकड़वाने का जाल बिछा रखा है। अगर वे शादी करने यहाँ आए, तो पकड़े जाएंगे। लड़की पक्ष वाले सतर्क हो गए इसलिए उन्होंने दुल्हन की कार एक्सीडेंट में मारे जाने की योजना बनायी। पूरी रात उन्होंने फोन नहीं उठाया और सुबह फोन पर मोहित और उसके परिवार वालों को सूचना दी।
मोहित व पवन दोनों बिना दुल्हन के ही रह गए। नीलम ना पवन को मिली, ना मोहित को। सच्चाई सिर्फ पवन व मोहित के परिवार वालों को ही पता थी। अगर पवन कोतवाली में शिकायत दर्ज करने की जल्दबाजी नहीं करता तो शायद नीलम और उसके पूरे गैंग को परिवार सहित पकड़ा जा सकता था। मगर ऐसा हो न सका।
उक्त घटना अभी हाल फिलहाल में उत्तर प्रदेश के एक जिले में घटित हुई है। अक्सर देखा गया है कि कामचोर, शराबी, अय्याश बेरोजगार व्यक्ति को कोई अपनी बेटी देना नहीं चाहता क्योंकि वह व्यक्ति बेटी का भविष्य खराब कर सकता है। उसकी बुरी आदतें और व्यवहार बेटी के लिए समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
वह व्यक्ति बेटी को सुखी और सुरक्षित जीवन नहीं दे सकता। बेटी के माता-पिता अपनी बेटी के लिए एक सुखी और सुरक्षित जीवन चाहते हैं। समाज में ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने शादी करने के काम को धंधा बना लिया है। ये लोग ऐसे लोगों को शिकार बनाते हैं, जिनकी किन्ही कारणवश शादी नहीं होती हैं।
ये लोग रुपये लेकर दूर जिलों या राज्यों में अपने परिवार की लड़की की शादी करवाते हैं। दुल्हन ज्यादा समय तक ससुराल में नही रहती और एक दिन सब कुछ लेकर भाग जाती है। इनका पूरा गैंग आपस मे मिलकर काम करता है। ये आसानी से पकड़ में नहीं आ पाते क्योंकि पुलिस के कुछ लोग इनके साथ मिले हुए होते हैं।
हमें अपने जीवन में सावधानी से चलना चाहिए और किसी भी अनजान व्यक्ति पर भरोसा नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, हमें यह भी सीखने को मिलता है कि हमें अपने परिवार और समाज की सुरक्षा के लिए हमेशा सतर्क रहना चाहिए।
लेखक:- डॉ० भूपेंद्र सिंह, अमरोहा
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