
निबंध : सोशल मीडिया की ताकत
( Essay in Hindi on Power of Social Media )
आज के दौर में सोशल मीडिया लोगों के जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। इसके बहुत सारे फीचर्स हैं जैसे सूचनाएं आदान प्रदान करना, मनोरंजन करना, शिक्षित करना आदि।
सोशल मीडिया एक परंपरागत मीडिया से अलग आज एक वर्चुअल वर्ल्ड बन गया है जिसमे इंटरनेट के माध्यम से लोग पहुंच बना सकते हैं। सोशल मीडिया एक विशाल नेटवर्क है जो दुनिया भर के लोगों को आपस में जोड़े रखता है।
यह संचार का एक बहुत अच्छा माध्यम है। द्रुत गति से सूचनाओं के आदान प्रदान करने व हर क्षेत्र की खबर होती है।
बीसवीं सदी के समाप्ति तक दुनिया में सशक्त मीडियम माध्यम का तीव्र गति से विस्तार हुआ। इस विस्तार का परिणाम है कि मीडिया की शक्ति लोगो के हाथों में आ गई है।
मीडिया के बदलते आयामों को देखकर ऐसा लगता है कि मौजूदा समय बदलाव का है। संप्रेषण के नए-नए तरीके और माध्यम सामने आ रहे हैं जो हमारी जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं।
लोगों को और विभिन्न स्थानों को जोड़ने वाला सोशल मीडिया आज एक ऐसा माध्यम बन गया है जो जीवन के एक अटूट हिस्से के रूप में अपनाया जा रहा है।
यह हमारे जीवन के कई पहलुओं को तय करता है जैसे रहन-सहन, कामकाज, मौज मस्ती यहां तक कि दुखी होना भी। भावनाओं को हम तुरंत जाहिर कर देते हैं। वर्तमान संदर्भ में इसकी उपयोगिता को देखकर कहा जा सकता है कि आज के दौर की यह एक बड़ी जरूरत बन चुका है।
सोशल मीडिया की भूमिका एवं शक्ति
सोशल मीडिया सकारात्मक भूमिका अदा करता है जिससे किसी भी व्यक्ति संस्था समूह अथवा देश को आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक रूप से समृद्ध बनाया जा सकता है।
सोशल मीडिया के जरिए ऐसे कई विकासात्मक कार्य हुए हैं जो लोकतंत्र को समृद्ध बनाने का काम किए हैं। इससे देश की एकता, अखंडता, पंथनिरपेक्षता, समाजवादी गुणों में वृद्धि हुई है।
आम चुनाव 2014 के चुनाव में राजनीतिक पार्टियों ने जमकर सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया। आमजन को चुनाव के प्रति जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका इस सोशल मीडिया ने निभाई।
सोशल मीडिया के उपयोग से ही वोटिंग का प्रतिशत प्रतिशत बढ़ा साथ ही युवाओं में चुनाव के प्रति जागरूकता भी बढ़ी। सोशल मीडिया के माध्यम से ही निर्भया को न्याय मिलने दिलाने के लिए बड़ी संख्या में युवा सड़क पर आ गए और सरकार पर दबाव बनाया, जिससे ज्यादा जल्दी प्रभावी कानून बनाने पर सरकार मजबूर हुई।
लोकप्रियता के प्रचार में सोशल मीडिया एक बेहतरीन प्लेटफॉर्म है। जहां व्यक्ति स्वयं को अथवा किसी उत्पाद को तेजी से लोकप्रिय बना सकता है। आज फिल्मों के ट्रेलर, टीवी प्रोग्राम का प्रसारण भी सोशल मीडिया के माध्यम से होने लगा है।
वीडियो तथा ऑडियो चैट भी सोशल मीडिया के माध्यम से सुगम हो पाई है। इसमें फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म प्रमुख हैं। सोशल नेटवर्किंग साइट सूचना व संचार का सशक्त जरिया बन गई है।
इनके माध्यम से लोग अपनी बात बिना किसी रोक-टोक के रख पाते हैं तथा देश और दुनिया के हर कोने तक पहुंचा पाते हैं। आप खुद के विचार रखने के साथ ही दूसरे के विचारों को भी सुन सकते हैं और खुलकर उस पर अपनी राय भी व्यक्त कर सकते हैं।
आज के समय में सोशल मीडिया का इस्तेमाल न सिर्फ दोस्ती बढ़ाने के लिए हो रहा है बल्कि वोट बैंक से लेकर धनार्जन में हो रहा है। सभी जगह इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
अकादमिक बहसों का विस्तार अब फेसबुक और अन्य दूसरे साइट पर होने लगा है। नारी विमर्श, बाल विमर्श, दलित विमर्श जैसे मुद्दों पर भी यहां पर चर्चा होती है।
सोशल मीडिया विचारों की क्रांति लाने वाला एक ऐसा माध्यम है जिसकी न तो कोई सीमा है और न ही कोई बंधन है। हाल के वर्षों में अरब में हुई क्रांतियों में सोशल मीडिया का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
लोग एक दूसरे से जुड़ते रहे हैं और क्रांति का बिगुल बजाते रहे हैं। सोशल मीडिया की वजह से ही ईरान, चीन, बांग्लादेश, कजाखस्तान, सीरिया पर प्रतिबंध भी लगाया गया। भारत में अन्ना आंदोलन को चरम तक पहुंचाने में सोशल मीडिया का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
आज के समय में सोशल मीडिया साइट्स स्टेटस सिंबल का प्रतीक बन गई है। इसकी अच्छाइयां है तो अपनी बुराइयां भी हैं। यह इस पर निर्भर है कि आप सोशल मीडिया से क्या अपेक्षा रखते हैं।
यह सोशल मीडिया आपको सोशल भी बना सकता है और एकाकी भी बना सकता है। सोशल मीडिया पर आप अपने पुराने मित्रों के साथ तरोताजा हो सकते हैं तो अनजान लोगों के साथ धोखा भी खा सकते हैं।
सोशल मीडिया पर आप दुनिया को अपनी अच्छाइयां और रचनात्मकता से रूबरू करा सकते हैं तो दूसरी तरफ इससे बुराइयों को भी तेजी से सीख सकते हैं।
यदि सरकारी सर्वोत्कृष्ट ढंग से सोशल मीडिया का लाभ उठाना सीख ले तो सोशल मीडिया उनके लिए अत्यंत प्रभावकारी नीति का एक बेहतरीन उपकरण बन सकता है।
इंटरनेट लोकतांत्रिक राजनीति को अकल्पनीय योगदान का प्रभावशाली हथियार बन चुका है। लिहाजा इसे लेकर कड़े नियम बनाने की जरूरत है। क्योंकि इससे व्यक्तिगत अधिकार और देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा पर भी खतरा हो सकता है।
सरकार फेसबुक, व्हाट्सएप, यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की जवाबदेही को लेकर प्रभावी नियम बनाएं। सोशल मीडिया साइट को कंटेंट प्रसारित और प्रसारित करने के लिए और ज्यादा जवाबदेह बनाने की जरूरत है
लेखिका : अर्चना यादव
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