गौरा न जाई | Gaura na Jai
गौरा न जाई
( Gaura na Jai )
देखि देखि रूप दूल्हा रोवें मैंना माई
पगला के संग हमरी गौरा न जाई।।
अईसन न दूल्हा देखा, देखा न बराती
रंग रूप देखिके जरि जाए छाती
बड़ा दुख होए जिया घबराई….
पगला के संग हमरी गौरा न जाई …..
तन पर भभूत भूत संग नाचे गावे
सांप बिच्छू गोजर जीव डेरवावे
चले जिधर दूल्हा लड़िका डेराई….
पगला के संग हमरी गौरा न जाई…
भईल कौन भूल जो रचे बर विधाता
जरे अईसन किस्मत,बरे अइसन नाता
चाहे बारात रहे चाहे लौट जाई ….
पगला के संग हमरी गौरा न जाई….
देवों के देव महादेव औघड़ दानी
करी नाही चिंता हे माता महारानी
किस्मत हमार जो बर रूप पाईं…..
पगला के संग ही तोहरी गौरा जाई….