Ghazal Aankhon se
Ghazal Aankhon se

आंखों से करती जादू है

आंखों से करती जादू है
दिल होता यूं बेकाबू है

सांसें महके तुझमें हर पल
उड़ती जो तेरी ख़ुशबू है

देख रहा है दूर खड़ा वो
आ के बैठा कब पहलू है

कब फ़ूल दिया है उल्फ़त का
मारा नफ़रत का चाकू है

बात न की आज़म यूं तुझसे
कड़वी बातें करता तू है

शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )

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