आंखों से करती जादू है
आंखों से करती जादू है
दिल होता यूं बेकाबू है
सांसें महके तुझमें हर पल
उड़ती जो तेरी ख़ुशबू है
देख रहा है दूर खड़ा वो
आ के बैठा कब पहलू है
कब फ़ूल दिया है उल्फ़त का
मारा नफ़रत का चाकू है
बात न की आज़म यूं तुझसे
कड़वी बातें करता तू है