Hai Vah ek Phool

है वह एक फूल | Hai Vah ek Phool

है वह एक फूल

( Hai vah ek phool ) 

 

है वह एक फूल
नाजुक सी
जिसे हर कोई पाना चाहता है
छूना चाहता है
और करना चाहता है महसूस
इसी उधेड़ बुन में
तोड़ देते हैं लोग उसे अपनी डाली से
और देते हैं नोच
सूख जाती है वह भी बिन कहे
अपने अस्तित्व से विलग होकर
दुखी था मैं अस्तित्व हीन
इन “नवीन” रिवाज को देखकर
और था खुश, उसको अपनी डाली पर देखकर
मुस्करा रहा था, उसको खुश देखकर

 

 नवीन मद्धेशिया

गोरखपुर, ( उत्तर प्रदेश )

यह भी पढ़ें :-

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *