ज्येष्ठ माह के मंगलवार का महत्व
प्रभु श्री राम जी के प्रिय भक्त हनुमान जी महाराज की महिमा अपार है उनके कृपा का अनुभव उनके भक्त सहज ही राम नाम का जप करते हुए हमेशा करते आये हैं।
ज्येष्ठ माह का प्रत्येक मंगल वार अपने आप में ही परिपूर्ण है इन मंगलवार के दिनों मे भक्त जन तन जला देने वाली गर्मी और इस तपती दोपहरी में व्रत नियम का कठोरता से पालन करते हुए अपने समस्त संकट से संकट मोचन के समक्ष छुटकारा पाते हैं।
कुछ भक्त प्रभु को प्रसन्न करने के लिए मिठी पूडी,मोतीचूर का लड्डू,नारियल, चोला, सिंदूर इत्यादि चढ़ा कर सुंदर कांड का पाठ और राम नाम की कीर्तन करते हैं और मनोवांछित फल पाते हैं ।
ज्येष्ठ माह के मंगलवार की कुछ मान्यताएँ भी हैं की हनुमान जी ज्येष्ठ माह में ही प्रभु श्री राम से पहली बार मिले थे, मंगल दोष से मुक्ति पाने के लिए भी कुछ लोग इन मंगलवार के दिनों को विशेष महत्व देते हैं,शनि की साढ़े सती हो या दशा महादशा का परिणाम हो उसको कम करने के लिए भी भक्त पवन पुत्र के शरण में जाते हैं।
अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता हनुमान जी अपने भक्तों पर सदा अनुग्रह करते हैं एवं बल बुद्धि विद्या यश कीर्ति सुख शांति और प्रभु श्री राम एवं माता जानकी के चरणों की अनन्य भक्ति प्रदान करने वाले हैं,इन मंगलवार के दिनों मे किया गया व्रत सभी शरीरिक और मानसिक व्याधियों से मुक्ति प्रदान करता है।
अतः जो व्यक्ति समस्त इर्ष्या द्वेष त्याग कर पूरेे मनोयोग से अपना सभी कार्य श्री हनुमान जी महाराज का नाम लेकर करता है उसके सभी कार्य सिद्ध होते हैं,और जीवन में दिग्दिगंत चारों ओर विजय प्राप्त करता है
“दींन दयाल विरद सम्भारी हरहु नाथ मम संकट भारी”
आनंद त्रिपाठी “आतुर “
(मऊगंज म. प्र.)