“हिन्दी दिवस पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी: विद्वानों ने हिन्दी के महत्व पर डाला प्रकाश”

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा डा. गणपतिचन्द्र गुप्त । और हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य जी का सेमिनार हॉल का उद्‌घाटन में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ।

हिन्दी हमारी राजकीय भाषा के रूप में 14 सितम्बर, १५१ को मान्यता दी गई। ऑस्ट्रेलिया से मधुखन्ना, जापान से डॉ. रमा शर्मा, सोफिया (बुल्गारिया) से कंचन शर्मा राची विश्वविद्यालय से जे बी  पाण्डेय ने भी हिन्दी को लेकर व्याख्यान दिए।

मुख्य अतिधि डा. सोमनाथ सचदेवा, कुलपति महोदय ने कहा विशव में  सात हजार से ज्यादा भाषा बोली एवं लिखि जाती है। हिन्दी भाषा का स्थान तीसरे नं. पर है। भारत में हिन्दी को पहली भाषा के रूप में बोलने व लिखने वाले 43% से ज्यादा है, और दूसरी भाषा के रूप में अगर हिन्दी को बोलने व लिखने वाले 57 प्रतिशत से ज्यादा है जोकि वर्तमान में 60 प्रतिशत से ज्यादा हो गई है।

 विशिष्ट अतिथि डॉ. संजीव कुमार शर्मा, कुलसचिव महोद‌य ने अपने व्याख्यान में कहा कि डॉ. गणपति चन्द्र गुप्त जी हिन्दी भाषा के बहुत बड़े साहित्यकार थे। आज उनके बेटे अमिताभ जी ने मेरे बीती दिनों की याद ताजा कर दी। आज का मौका एक अजीज और नायाब मौका है कि डा गणपतिचन्द्र गुप्त जी का सभागार का उद्‌घाटन और गणपति जी का विसर्जन एक समय में होना बहुत सौभाग्य की बात है।

विशिष्ट अतिथि के रूप में डा. अनिल मित्तल, भूतपूर्व छात्र एशोशियन के निदेशक ने अपने व्यक्तव्य में कहा कि अमिताभ गुप्त ने आज 15 लाख 22 हजार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालया को दान कर उनके पिता जी डा. गणपतिचन्द्र गुप्त सभागार का उद्‌घाटन और मनाना उनके जीवन का अहम हिस्सा है।

अमेरिका से अमिताभ गुप्त जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि मैं अपने पिताजी के नाम यह सभागार बना रहा हूँ। मैं आज धनी हूँ और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र का धन्यवाद करता हूँ कि मेरा दिया हुआ धन सही जगह लगाकर अच्छा कार्य किया। 

डॉ. पुष्पा रानी, अधिष्ठाता एवं अध्यक्ष हिन्दी विभाग ने अपने वक्तव्य में कहा कि अंग्रेजी के Leg को हिन्दी में टाँग, इस तरह परिभाषित किया छ लो तो चरण, अड़ा लो तो टांग, गधे की दुलती, बाप की लात आदि का सम्बोधन कर हिन्दी भाषा को औरआकर्षित और मार्ग दर्शिनी कर दिया।

इस मौके पर अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष, डॉ. ब्रजेश साहनी, हिन्दी विभाग से, डॉ. सुभाष चन्द्र, डॉ. अजायब, डॉ जसबीर, पंजाबी विभाग से डॉ. कुलदीप सिंह, डॉ. देवेन्द्र कुमार, जी, पुस्तकालय विज्ञान विभाग अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार जोशी थी डॉ. गुरप्रीत सिंह, डॉ. लता खेडा विश्वविद्यालय के लोक सम्पर्क विभाग के निर्देशक डॉ. महा सिंह पूनिया व भाषा एवं कला संकाय के अंतर्गत चल रहे कोर्सों से डॉ. रश्मि प्रभा, श्री मनजीत सिहँ, बन्दना कौल व विदेशी भाषा विभाग से सुमिता ने हिस्सा लिया। इस मौके पर विभिन्न कॉलेज  के सहायक प्राध्यापकों ने भी हिस्सा लिया।

शोधार्थी सुमित रंगा, विनोद कुमार, नेहा, दीक्षा आदि छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।

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