आश हम्द की शायरी | Aash Hamd Shayari
ज़िन्दगी क्या है
सबकी अपनी सोच है, अपना ही नज़रिया है,
ज़िंदगी है एक सफ़र, और ख़्यालों का दरिया है,
तदबीर करें ऐसी , बनाए मोहब्बतों की दुनिया,
सुर्खरु लौटें घर, बेहतरीन आमाल बने ज़रिया,
कभी सोचा ज़िन्दगी क्या है, क्यों आए जहां में,
क्यों भेजा हमें ख़ुदा ने, इस किराए के मकां में,
मज़लूमों पर रहम का, जज़्बा हो हमारे दिल में,
यूँ ही नहीं आज़माता ख़ुदा, डालकर मुश्किल में,
मत रखो दिलों में रंज़िशें, ये ज़िन्दगी तो फ़ानी है,
मोहब्बतें बाँटें पल में हयाते-परिंदे को उड़ जानी है!
आश हम्द
पटना ( बिहार )
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