पत्रकारिता दिवस के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन
” पत्रकारिता दिवस के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन “
हिन्दी पत्रकारिता दिवस की पूर्व संध्या पर “अंतरराष्ट्रीय साहित्य संगम” (साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था) के तत्वावधान में डॉ. ओमप्रकाश पांडेय की अध्यक्षता एवं डॉ. मुन्ना लाल प्रसाद के संचालन में गूगल मीट के माध्यम से पहले सत्र में एक ऑनलाइन “हिन्दी पत्रकारिता: दिशा एवं दशा” पर वेबिनार एवं दूसरे सत्र में अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
इसमें मुख्य अतिथि के रूप में अद्यतन के संपादक प्रो. डॉ. ब्रज नंदन किशोर, पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष, डी.ए.वी. स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा, भारत एवं विशिष्ट अथिति के रूप में प्रो. डॉ. विवेक मणि त्रिपाठी, दक्षिण एशियाई भाषा व संस्कृति विभाग, क्वांगतोंग विदेशी भाषा विश्वविद्यालय चीन, डॉ. शिखा रस्तोगी, हिन्दी विभागाध्यक्ष, जीआईआईएस, बैंकाक थाइलैंड, सारिका जैथलिया, जकार्ता, इंडोनेशिया, डॉ. अनीता सिंह, शंघाई, चीन, डॉ. जाह्नवी पांडेय, लोकगायिका, आकाशवाणी व दूरदर्शन, लखनऊ, श्री जयप्रकाश अग्रवाल, काठमांडू एवं डॉ. रामेश्वर सिंह, पत्रकार एवं संपादक, रूस उपस्थित थे।
सबसे पहले थाणे मुंबंई से उपस्थित श्रृगांर के कवि डॉ. अरुण मिश्रा ‘अनुरागी’ द्वारा उद्घाटन गीत प्रस्तुत किया गया। उसके बाद प्रथम सत्र “पत्रकारिता दिवस: दशा एवं दिशा” पर आयोजित वेबिनार में देश-विदेश के अतिथियों ने अपने बहुमूल्य विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पत्रकारिता भावनाओं की अभिव्यक्ति एवं सूचना के अदान-प्रदान का एक ऐसा माध्यम है जो समाज में चेतना का संचार करते हुए उसे सजग और सचेत करती है एवं नये समाज, नये राष्ट्र एवं नयी संस्कृति के साथ मनुष्यता के निर्माण में अहम भूमिका का निर्वहन करती है।
ऐसे में पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने वालों में निर्भीकता एवं निष्पक्षता का होना आवश्यक है, तभी भविष्य को सही दिशा मिल सकती है। कार्यक्रम के दूसरे सत्र कवि सम्मेलन में देश-विदेश के कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से पत्रकारिता के साथ-साथ समाज की विविध छटाओं के रंग बिखेरे।
इस कार्यक्रम में सात देशों के कवियों के साथ देश के विभिन्न प्रांतों से कवि शामिल थे, जिसमें प्रो. डॉ. विवेक मणि त्रिपाठी, क्वांगतोंग, चीन, डॉ. शिखा रस्तोगी, बैंकॉक, थाइलैंड, सारिका जैथलिया, जकार्ता, इंडोनेशिया, डॉ. अनीता शर्मा, शंघाई, चीन, डॉ. रामेश्वर सिंह, पत्रकार एवं संपादक, रूस, श्री जय प्रकाश अग्रवाल, नेपाल, डॉ. जाह्नवी पांडेय, लोकगायिका, आकाशवाणी व दूरदर्शन, प्रो. डॉ. प्रवीण मणि त्रिपाठी, लखनऊ, सुश्री सपना सिंह, सादाबाद, हाथरस, श्री मनोज कुमार वर्मा, अर्चना आर्याणी, सीवान, श्रीमती विद्युत प्रभा चतुर्वेदी ‘मंजु’, देहरादून, श्रीमती कश्मीरा सिंह, छपरा, श्री शारदा प्रसाद दुबे, ‘शरतचंद्र’, डॉ. अरुण मिश्रा ‘अनुरागी’, थाणे, मुंबई, श्री प्रदीप ठाकुर, आनंद उर्वशी, दिल्ली, श्री हरिजीत सिंह, लुधियाना, भावना सिंह, लखनऊ, श्री संतोष कुमार साह, दुर्गापुर, श्री देवी प्रसाद पांडेय, प्रयागराज, श्री श्यामल श्रीवास्तव, मुजफ्फरपुर, श्री मुकेश ठाकुर, कालिंपोंग, नेमतुल्लाह नूरी, गुंजन गुप्ता, श्री मोहन महतो, श्रीमती पुतुल मिश्रा, ऋतु गर्ग, सिलीगुड़ी, श्री विनोद कुमार रजक, आसनसोल मुख्य रूप से शामिल थे।
सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि पूरा कार्यक्रम गूगल मीट के अलावा यूट्यूब एवं फेसबुक पर लाइव प्रसारित हो रहा था, जिससे काफी संख्या में लोग जुड़े हुए थे।
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