कवि सम्मेलन

हृदयांगन संस्था द्वारा हनुमान जन्मोत्सव पर आयोजित कवि सम्मेलन संपन्न

17 अप्रैल को सायंकाल 7 बजे सुप्रसिद्ध संस्था हृदयांगन साहित्यिक सामाजिक सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक संस्था (पंजीकृत) मुंबई द्वारा हनुमान जन्मोत्सव पर यादगार कवि सम्मेलन सम्मेलन आनलाइन संपन्न हुआ, जिसमे देश के कई प्रान्तों के कवियों ने अपनी उपस्थित दर्ज की।

सर्वप्रथम मंच संचालक मुंबई से श्री उमेश चंद्र मिश्र प्रभाकर जी ने हनुमान जन्मोत्सव की शुरूआत अपने बेहतरीन अंदाज मे एक छन्द से की। तत्पश्चात श्रृंगार के अद्भुत कवि डा0 अरूण प्रकाश मिश्र अनुरागी जी ने मां शारदे की स्तुति से सबको भक्तिभाव से डुबो दिया।

देहरादून से आमंत्रित श्रीमती संतोषी जी दीक्षित मां की कहानी ‘होठ हंसते रहे आंख रोती रही’ कविता से सबका मन जीत लिया। जौनपुर से श्री शारदा प्रसाद दुबे शरतचंद्र जी ने रामलला के दर्शन को हम अवधपुरी आयेगे कविता सुनाकर सबको अवधपुरी जाने का आह्वान किया।

लखनऊ की श्रीमती अनुपम शुक्ला जो अभी हाल मे उन्नाव शुक्लाखेड़ा मे श्रीमदभागवत महापुराण कथा के दौरान हृदयांगन संस्था द्वारा सम्मानित हुई है , ने शास्त्रीय संगीत की धुन पर अपने दो गीत प्रस्तुत कर सबका दिल जीत लिया।

तत्पश्चात मुंबई के डा0 अरूण प्रकाश अनुरागी जी ने अपनी हाल मे ही मसूरी यात्रा के संस्मरण सुनाते हुये वही रचित ‘सिर पर पल्लू डाल नायिका’ पर अद्भुत श्रृंगार दर्शन कराया।।बाद मे दूसरे राउन्ड मे उन्होने पवनपुत्र पर अपनी भक्तिरस से परिपूर्ण गीत सुनाकर अपनी आध्यात्मिकता का भी परिचय दिया।

कानपुर की सुप्रसिद्ध वरिष्ठ कवियित्री डा0 प्रमिला पाण्डेय जी ने हनुमान जी पर अद्भुत छन्द और गीत सुनाकर सबको आशीर्वाद दिया और सभी के लिये हनुमान जी से मंगल कामना की।।अब बारी आई आज के कवि मंच संचालक श्री उमेश चंद्र मिश्र प्रभाकर जी का।

उन्होने तीन चार मुक्तक सुनाकर सभी को हनुमत लला के मानो दर्शन ही करा दिये ।। बता दे श्री उमेश चंद्र मिश्र प्रभाकर जी एक जाने माने कवि और मंच संचालक है जिन्हे हृदयांगन संस्था ने कवि मंच शिरोमणि पदक से सम्मानित किया है।

उन्होने आदरणीय विधुभूषण अध्यक्ष के छह महीने से अधिक उत्तर प्रदेश निवास को मातृभूमि के प्रेम का प्रतीक मान जन्म भूमि नमन पर कविता सुनाई।

आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही देहरादून के हरिशरणम फैमिली होम स्टे की संचालिका तथा हृदयांगन संस्था की संरक्षिका डा0 विद्युत प्रभा चतुर्वेदी मंजू जी ने दो भजन की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम को उंचाइयो तक पहुंचाया। एक गीत में मंजू जी ने कहा मन मोहिनी छवि अइसी डारि रहै। सबका मन भरमाय रहै।

आज के कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि श्री मेंहदीपुर बाबा के परम भक्त बिजनौर के व्यवसायी और प्रसिद्ध कवि श्री रमेशचन्द्र महेश्वरी राजहंस जी ने एकल पाठ कर पांच सस्वर भजन कीर्तन सुनाकर जगराते की याद दिला दी।

राजहंस जी ने गुरूदेव सहारा मेरे और जब कोई नही आता मेरे बाबा आते है।।सुनाकर माहौल हनुमतलला बना दिया।पंचमुखी हनुमान को समर्पित उनकी पांच आहुतियां इतनी तेजस्वी थी कि कविसम्मेलन का माहौल बहुत रोचक हो गया।

विशेष बात यह रही कि श्री राजहंस जी ने बिजनौर के सुप्रसिद्ध हनुमान मंदिर के प्रांगण मे बैठकर भजन गायकी प्रस्तुत कर रहे थे ।

इस अवसर पर हृदयांगन संस्था की ओर से आज के कार्यक्रम की अध्यक्षा डा0 विद्युत प्रभा चतुर्वेदी मंजू जी ने श्री रमेशचन्द्र महेश्वरी जी राजहंस को चिरंजीवी श्रीमेंहदीपुर बाबा सम्मान 2022 तथा मानक हृदयांगन स्वर्ण पदक से अलंकृत किया और कहा कि हृदयांगन संस्था को ऐसे पौराणिक महत्व के अवसरो पर ऐसे कार्यक्रम अवश्य करने चाहिये तथा हम सबमें और विशेषकर बच्चो मे भारतीय दर्शन के बीज पल्लवित पुष्पित हो।

ऐसे कार्यक्रमो मे होने वाले व्यय के लिए उन्होने संस्था को हर संभव सहयोग देने का विश्वास दिलाया।
कार्यक्रम में कानपुर से सेवानिवृत्त प्रिसिंपल श्रीमती धारा त्रिपाठी, मुजफ्फरनगर से विवाह कार्यक्रम मे व्यस्त कवियित्री पूजा अग्रवाल ,पोर्ट ब्लेयर यात्रा से लौट रहे आध्यात्मिक कवि श्री ओम प्रकाश सिंह मुंबई ने अपनी उपस्थित दर्ज कर हृदयांगन संस्था के इस कार्यक्रम को लोकप्रिय बना दिया।

डा0 ममता राज शर्मा चित्रकार जयपुर जो दिल्ली में विवाह कार्यक्रम मे थी लगातार कार्यक्रम के दौरान मे संदेश भेजकर दोनो अध्यक्षों का हौसला अफजाई करती रही। यही हाल मुंबई के श्री सदाशिव चतुर्वेदी मधुर , श्रीमती तनूजा चौहान , डा0 प्रोफेसर अलका अरोड़ा देहरादून तथा श्रीमती रूपाली डोले इंदौर का भी रहा। दूसरे कार्यक्रमो में अत्याधिक व्यस्त तन वहां पर सबके मन हृदयांगन के इस राष्ट्रीय कविसम्मेलन में जुड़े रहे।

अंत मे हनुमत तेरा वंदन है अभिनंदन है । हृदय विराजे सीय रघुनन्दन हैं। सुनाकर संस्थाध्यक्ष ने सभी आमंत्रितो का और आनलाइन श्रोताओं को और गूगल मीट टीम को धन्यवाद- आभार व्यक्त कर ढाई घंटे चले कार्यक्रम का समापन किया और कार्यक्रम अध्यक्ष को उनके निर्देशों के अनुपालन का विश्वास दिलाया।

 

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