खो गया दिल कहीं आपको देखकर
खो गया दिल कहीं आपको देखकर
खो गया दिल कहीं आपको देखकर।
खुद हैरान हूँ ये असर देखकर।।
ठहर पाया ना बैरी कभी सामने ।
डर गया हौंसला वो जिगर देखकर ।।
रत्न सागर से वो ला न पाया कभी ।
डर गया जो उमड़ती लहर देखकर।।
धूप की राह में आज मज़दूर को ।
दिल परेशां हुआ दर-बदर देखकर।।
थम न पाया कभी शायरी का सफ़र।
मुश्किलों से भरी ये डगर देखकर।।
अपनी मंज़िल कहाँ पायेगा तू “कुमार”।
रूक गया मुश्किलें तू अगर देखकर !