नारी के कारण ही तुम सब धरा पर हो!

आजकल देखा जा रहा है कि, जो भारतीय नारियाँ हैं, उनको दुनियाँ में जो हक़ व सम्मान मिलना चाहिए, वो सब नहीं मिल पा रहा है। नारी का सम्मान करना तो हम सबका परम कर्तव्य है।

हमेशा सभी का जग में नारी का सम्मान करना बेहद जरूरी है, क्योंकि नारी के दम से ही ये घर, समाज और संसार चलता है।

आजकल देखा जा रहा है की, नारी को हर जगह अपमानित किया जा रहा है और उसे भोग की वस्तु समझा जा रहा है। आजकल का इंसान इतना पशु समान हो गया है कि वो वहशी दरिंदे के समान नारी का इस्तेमाल कर रहा है, और ये तो दुनियाँ का सबसे बड़ा पाप है।

नारी के बिना तो सुंदर सृष्टि की कल्पना भी नहीं की जा सकती। एक नारी ही तो है, जिसके कारण तुम सब की इस धरा पर ये हस्ती है।

जब इस नारी के कारण ही तुम सब धरा पर हो, तो क्यूँ पलपल इसका अपमान करते रहते हो। नारी का सम्मान ही तो इस सृष्टि में इंसानियत का सम्मान है और नारी का सम्मान ही हमारे भारत देश की सभ्यता की पहचान है।

जिस घर-परिवार में सदैव नारियों के साथ दुर्व्यवहार होता है, उन पर आए दिन ज़ुल्म होता है और उनको अपमानित किया जाता है, कसम से वो घर बिखर जाता है। क्योंकि नारी जिस घर में नहीं होती, उस घर में परमात्मा का वास होना असंभव है, वहाँ ईश्वर का वास कभी हो ही नहीं सकता और यह वास्तविकता है, क्योंकि ईश्वर का बनाया हुआ,

कविता:
ये नारी एक ख़ूबसूरत उपहार है।
हम सबका बस नारी ही आधार है।
नारी से ही तो अपना ये सारा संसार है।
फिर क्यूँ करे इंसान इसपे अत्याचार है।

यदि मैं नारी को उसका हक़, अधिकार व सम्मान दिलाने में क़ामयाब रहूँगा, तभी तो पृथ्वी पर मुझे स्वर्ग की अनुभूति होगी। नारी का सम्मान पूरे देश एवं विश्वभर में होना चाहिए।

मैं तो सदा नारियों के कल्याण हेतु चिंतन करता रहता हूँ, उसके हक़, सम्मान, और आज जो नारी की दशा है, उन सबके लिए प्रयासरत रहता हूँ व चिंतनशील रहता हूँ और हमेशा नारी के भले की ही कामना करता हूँ।

आज नारी हर क्षेत्र में आगे बढ़ती नज़र आ रही है, इसके बावजूद भी इस भारत देश में आज नारी को बड़ी निर्दयिता व क्रूरता से दबाया जा रहा है, उसको चार दीवारी में कैद किया जा रहा है।

नारी का भी अपना सच है, उसके भी अपने सपने हैं। बड़े शर्म से कहना पड़ रहा है मुझे की घर, समाज अथवा देश में आज भी नारी को प्रोत्साहित नहीं अपितु हतोत्साहित किया जा रहा है, उसे प्रताड़ित किया जा रहा है। आखिर कब बंद होगा नारी का शोषण होना, किसी न किसी द्वारा पलपल उसका प्रताड़ित होना।

आज के आधुनिक समय में नर से अधिक नारियाँ शिक्षित व, चतुर हैं। नारी का दुःख कोई कैसे समझे क्योंकि उसकी तो संवेदना ख़त्म हो गई व कुंठित हो गई है।

आज कोई इंसान अपने हृदय में दयाभाव, प्रेम व उसके प्रति सहानुभूति रखता नज़र नहीं आ रहा है। देखो आज का इंसान कितना बदल गया है। काश की मेरे साथ हर इंसान ये मानता कि :-

दुनियाँ में माँ दुर्गा का रूप है नारी।
क्यूँ करता है जग नारी पर अत्याचारी।
नारी के कारण ही तुम सब हो धरा पर,
है इस नारी से ही तो ये दुनियाँ सारी।

सामाजिक एकता और समानता के प्रतीक,
विश्व-बन्धुत्व का सदा सन्देश देने वाले,
नारी शक्ति के सम्मान में नारी शक्ति की बुलंद आवाज़
,

सूर्यदीप

( कवि, साहित्यकार व शिक्षित समाज-सुधारक, समाजसेवी, मानवतावादी, प्रखर चिन्तक, दार्शनिक )

नवोदय लोक चेतना कल्याण’समिति – बागपत

यह भी पढ़ें :-

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *