तमाम बस्ती जला रहा है
तमाम बस्ती जला रहा है तमाम बस्ती जला रहा है। मकान अपना बचा रहा है।। नहीं किसी की बचेगी हस्ती । बिसात ऐसी बिछा रहा है ।। वो घोल करके दिलों में नफ़रत। जहां से उल्फ़त मिटा रहा है।। वो दोष औरों के सर पे मढ़कर। बेदाग़ ख़ुद को दिखा …
तमाम बस्ती जला रहा है तमाम बस्ती जला रहा है। मकान अपना बचा रहा है।। नहीं किसी की बचेगी हस्ती । बिसात ऐसी बिछा रहा है ।। वो घोल करके दिलों में नफ़रत। जहां से उल्फ़त मिटा रहा है।। वो दोष औरों के सर पे मढ़कर। बेदाग़ ख़ुद को दिखा …
जान लेलेगा इंतजार मुझे किसने ये कह दिया बीमार मुझे। जान ले लेगा इंतजार मुझे ।। आखिरी हिचकी भी आजायेगी, देख न ऐसे बार बार मुझे ।। दौलते इश्क तो मिली ही नही, लोग कहते हैं मालदार मुझे।। कभी खुद आईने में देखा नहीं, दूसरों पर रहा एतबार मुझे ।।…
बस मुझे है याद तेरी बेवफ़ाई बस मुझे है याद तेरी बेवफ़ाई कर गयी बर्बाद तेरी बेवफ़ाई कर गयी है बेवफ़ा सारे जहां से हमको तेरे बाद तेरी बेवफ़ाई उम्रभर जख्मे जिगर ये भर न पायें करती है फरियाद तेरी बेवफ़ाई शे’र हैं आहों भरे मेरे लबों पर कह रही…
मुझे दीवाना उसकी पायल करे है! मुझे दीवाना उसकी पायल करे है! अपनें ही प्यार में पागल करे है बजे ऐसी कानो में प्यार की धुन चूड़ी उसकी दिल में हलचल करे है पिलाने को उल्फ़त का जाम मुझको इशारे वो मुझे पल पल करे है देखें है तिरछी आंखें…
खो गया दिल कहीं आपको देखकर खो गया दिल कहीं आपको देखकर। खुद हैरान हूँ ये असर देखकर।। ठहर पाया ना बैरी कभी सामने । डर गया हौंसला वो जिगर देखकर ।। रत्न सागर से वो ला न पाया कभी । डर गया जो उमड़ती लहर देखकर।। धूप की राह …
एक प्यारी बेटी जल गयी आग में एक प्यारी बेटी जल गयी आग में ! आसुओं में निगाहें मां की भर गयी बेटियों के बिन देखो घर होता नहीं ये है तो सब कुछ है हाँ वरना कुछ नहीं मत करो जुल्म नाजुक फूलों के जैसी है बेटी प्यारी इज्जत…
बात बनता है कभी गुमान में क्या बात बनता है कभी गुमान में क्या कभी इन्तिज़ार होती है ज़िन्दान में क्या गैरों के बात खुद केह देते हो ऐसा होता है भला सुख़न में क्या जाते जाते इतनी मेहेरबानी क्यों टुटा दिल ही दोगी दान में क्या कुछ नहीं में और…
मैं ढूंढ़ता उसका ही रहा घर मैं ढूंढ़ता उसका ही रहा घर उसका नहीं मुझको है मिला घर वो छोड़ के ही जब से गया है सूना बहुत मेरा ये हुआ घर उल्फ़त यहां दिल से मिट गयी है की नफरतों में ही ये जला घर देखो ग़म के साये…
साथ रहबर ना कोई सहारा हुआ साथ रहबर ना कोई सहारा हुआ। मुश्किलों में ना कोई हमारा हुआ।। देखते -देखते सब पराए हुए। वक्त आता नहीं सँग गुजारा हुआ।। काम आया कभी जो वतन के लिए। इस जहां में सभी का वो प्यारा हुआ।। पास आए सभी मांगने के लिए।…
मुशलशल अश्क बरसाया है पहली बार नहीं है मुशलशल अश्क बरसाया है पहली बार नहीं है। बस इतना कह के चले जा कि मुझसे प्यार नही है।। कत्ल करके मेरा कन्धे पे ले गया मुझको भला मैं कैसे कहूं मेरा मददगार नही है।। जाके तन्हाई में इत्मिनान से पढ़ ले इसको,…