![main dhoondhata usaka hee raha ghar मैं ढूंढ़ता उसका ही रहा घर](https://thesahitya.com/wp-content/uploads/2020/10/main-dhoondhata-usaka-hee-raha-ghar-696x435.jpg)
मैं ढूंढ़ता उसका ही रहा घर
मैं ढूंढ़ता उसका ही रहा घर
उसका नहीं मुझको है मिला घर
वो छोड़ के ही जब से गया है
सूना बहुत मेरा ये हुआ घर
उल्फ़त यहां दिल से मिट गयी है
की नफरतों में ही ये जला घर
देखो ग़म के साये है कभी तक
अपना न खुशियों से है भरा घर
सोचा मिलेगा उल्फ़त सहारा
नफ़रत भरा इक ऐसा मिला घर
मातम के है साये वो आज भी तो
देखो न कब फूलों से सजा घर
आज़म किसी की यादों ने घेरा
तन्हाई से था वरना भरा घर