मुझे उड़ने दो

मुझे उड़ने दो | Women’s day special kavita

मुझे उड़ने दो ( Mujhe udne do : Hindi poem )   मैं तितली हूं.. मुझे उड़ने दो ।  मुझे मत रोको, मुझे मत टोको,  मुझे नील गगन  की सैर करने दो ।। मेरे पंखों को मत कतरो, मेरे हौसलों को मत तोड़ो,  मेरी ख्वाहिशों को हौसला दो  मुझे ऊंचाइयों को छूने दो ।  मैं…

इंसान बनो | Insan bano kavita

इंसान बनो | Insan bano kavita

इंसान बनो ( Insan Bano : Kavita )   ये हर तरफ क्या हो गया है, क्यों हर जगह उदासी का मंजर है । लोग छोटी-छोटी बातों पर, क्यों बेवजह लड रहे हैं, हर तरफ द्वेष नफरत ही, क्यों पल रही, बढ़ रही है ।। कहीं रिश्ते में दूरियां आ रही; तो कहीं इंसानियत मर…

प्रकृति से खिलवाड़ मत करो | Poem on prakriti

प्रकृति से खिलवाड़ मत करो | Poem on prakriti

प्रकृति से खिलवाड़ मत करो ( Prakriti se khilwar mat karo )   १) प्रकृति से खिलवाड़ मत करो, कुछ सोचो अत्याचार न करो प्रकृति है तो हमारा जीवन है, वरना कुछ भी नहीं I   २) साँस ले तो प्रकृति देती है , साँस दे तो प्रकृति लेती है न होती प्रकृति तो सांसों…

मेरी इच्छा

Hindi kavita : मेरी इच्छा

मेरी इच्छा ( Meri ichha : Kavita )    काश हवा में हम भी उड़ते तितलियों से बातें करते नील गगन की सैर करते अपने सपने को सच करते बादलों को हम छू लेते चाँद पर पिकनिक मनाते  मनचाही मंजिल हम पाते पेड़ो पर झट चढ़ कर हम जंगली जानवरों से बातें करते पंछियों से…