A typical love story

PROMISE (वादा ) | A typical love story in Hindi

PROMISE (वादा )

{A typical love story}
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Hi!!! मेरा नाम माधव है।मैं M. P. से हूं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा हूँ। पिछले दिनों RRB का exam दिया है।पेपर अच्छा हुआ है, उम्मीद है कि निकल जाऊंगा। आजकल फुर्सत हूँ… इसलिए फोन में घुसा रहता हूँ।
अभी शाम के 7 बजे हैं।मेरे फोन में फेसबुक नोटिफिकेशन बीप हुआ।
“Akanksha Singh sent you a friend request” नोटिफिकेशन बार मे msg चमका।
किसी लड़की ने मेरी तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है।आश्चर्य!! किसी लड़की की ID से request आना मेरे लिए चमत्कार से कम नहीं है बशर्ते कि वह लड़की ही हो।
पहले तो मुझे लगा कहीं यह फेक ID तो नही है। लड़कियां कहाँ friend request भेजती हैं!!!
उसकी DP में छोटे बच्चे की फ़ोटो लगी हुई है।
फेसबुक में लड़कियां अपनी पहचान छुपाने के लिए DP में अपनी REAL फ़ोटो की जगह फूल,पत्ती,शायरी,मोटिवेशनल कोट्स या ऐसी ही फालतू की चीजें लगा देती हैं जिनका वास्तव में कोई मतलब नहीं होता। वह ऐसा इसलिए करती हैं ताकि फेसबुक में घूम रहे लाखों शोहदों से खुद को बचा सकें।
सबसे पहले मैंने उसकी प्रोफाइल चेक की। Account आज ही बनाया गया है और कुल-जमा 2 status अपडेट हैं। एक जब उसने जन्म लिया अर्थात बर्थडे अपडेट जबकि दूसरा जब उसने DP लगाई।
मैंने accept कर ली।
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आज शाम मैंने उसे इनबॉक्स में msg किया था। वह लड़की ही है।उसने काफी दोस्ताना मूड में बातें की।उसने बताया कि वह फेसबुक में नई है और add friend कर रही थी उसी क्रम में उसने मुझे request भेजी।
अब हम मैसेंजर पर नियमित बातें करते हैं। वह चंदौली में रहती है और बनारस में कमरा किराए पर लेकर श्री अग्रसेन कन्या PG कालेज,परमानंदपुर से B.Sc 1st year की पढ़ाई कर रही है। उसके ताऊजी का भी यहीं मकान है लेकिन वह अकेले रहती है।
अब हम दोनो खूब सारी बातें करते हैं। वह अक्सर मुझसे study से related समस्यायें पूछती रहती है।उसको Drawing करना,कहानियां पढ़ना,कपड़े जमाना और पढ़ाई करना अच्छा लगता है। सबसे महत्वपूर्ण हम एक ही संतजी के फालोवर हैं इसलिए मेरी और उसकी खूब जमती है।
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             #1_महीने_बाद
अब हम whatsapp पर चैट करने लगे हैं। उसने कुछ दिन पहले मुझे अपना no. Send किया था।मैंने अभी तक न तो उसका चेहरा देखा है न ही आवाज सुनी।
दरअसल व्हाट्सएप में भी अपनी DP में वह गुलाब का फूल और BIO में सन्त जी का प्रसिद्ध वचन “जीवों पर दया करो…शाकाहारी बनो” लिख रखा है। मेरी ही तरह उसका परिवार भी धार्मिक है और गुरुजी के हर सत्संग में पार्टिसिपेट करने जाता है।
             #कुछ_महीने_बाद
मेरा RRB का RESULT आ गया है।मैंने लिखित परीक्षा क्वालीफाई कर ली है।मैं बहुत खुश हूं।इस EXAM के लिए मैंने बहुत मेहनत की थी।
मैंने तय किया है कि आकांक्षा को इस बारे में अभी नही बताऊंगा।फिजिकल और मेडिकल क्लियर करने के बाद ही उसे सरप्राइज दूंगा। उसको सिर्फ इतना ही पता है कि मैंने इसका EXAM दिया है।
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                   #एक_शाम
जैसा कि वह कहती है अब हम अच्छे दोस्त बन गए हैं। लड़कियों के लिए सबसे SAFE “दोस्त”कहना ही है।जब तक कि वह SECURE न हो जाएं वह कभी नहीं कहेंगी कि तुमसे प्यार करती हैं भले ही आपकी याद में आधी रात तक जागती रहें।
अब वह मुझसे Personal feelings भी share करने लगी है। कल उसने whatsapp पर स्टेटस अपडेट किया था।वह कालेज ड्रेस पहने किसी बगीचे में फूलों के पास खड़ी है।
मैंने पहली बार उसका चेहरा देखा। जितना मैं उसके बारे में सोच रहा था उससे कहीं अधिक वह सुंदर है। फ़ोटो को देखकर लग रहा है जैसे आसपास खिले फूल उसे देखकर ईर्ष्या से भर गए हों। उसका रंग गोरा है और कॉलेज ड्रेस में वह खूब फब रही है।मैंने उसका स्क्रीनशॉट फोन में save कर लिया है।
“Hi!!” उसका msg आया।
“Hi!!!!!” मैंने तुरंत reply किया।
“Kya kr rhe ho!!”
“पढ़ाई!!” मैंने झूठ कहा। किताबें खुली जरूर हैं लेकिन मैं उसकी फोटो निहारने में लगा हुआ था।
“Kya pdh rhe ho?” उसने पूछा।
“भारतीय राजव्यवस्था के अंतर्गत अंतरराज्यीय सम्बंध कैसे मजबूत होते हैं…” मैंने किताब में देखते हुए कहा।
“Form daala kisi ka???”
” हां!! SSC का डाला था लेकिन सरकार ने भर्तियां बन्द कर रखी हैं” मैने टालना चाहा।
“Phir bhi prep krte rho…Achha ek baat bataun!!!” उसने कहा।
“हां!!कहो न!!”
“Aaj main upset hu..?“उसने कहा।
“क्यों??”
“kl us ldke ka phone phir se aaya tha….”
“अच्छा!!फिर तुमने क्या कहा?”
आकांक्षा ने मुझे पिछले दिनों बताया था कि जब वह गांव में थी तब गांव का ही इमरान नाम का लड़का उसे देखता था। उसका आकांक्षा पर crush था लेकिन वह कभी जाहिर नही कर पाया।
आकांक्षा ये बात जानती थी कि वह लड़का चोरी-छुपे उसे देखने की कोशिश करता है। वह लड़का मुस्लिम है। अब वह सऊदी अरब चला गया है। उसके रिश्तेदार वहीं रहते हैं। उसी ने आकांक्षा को सऊदी से फोन किया था।
“Usne kai baar phone kiya but maine phone nhi receive kiya…Baad me wo msg bhejne lga…Wo baar -baar mujhe pareshan kr rha tha… इसलिए मैंने उसे डांट दिया,तब से उसका फोन नही आया..” आकांक्षा ने कहा।
“Oh!!”
“अच्छा एक बात पूछूं!!! तुम भी उसे पसंद करती हो??” इस प्रश्न का उत्तर मेरा भविष्य तय कर सकता था।
“Shayad nhi!!”
“Ha! जब वह गांव में था तो वह मुझसे नजरें मिलाने में शर्माता था..उसकी यही बात मुझे अच्छी लगती थी। लेकिन अब वह विदेश चला गया है साथ ही वह दूसरे धर्म का भी है इसलिए मैंने उस तरफ सोचना बंद कर दिया है” उसने कहा।
“अच्छा किया…” मैं खुश हूं।आकांक्षा साफ दिल की है यह मैं आज जान गया हूँ,साथ ही वह मुझे अपना समझती है क्योंकि कोई भी लड़की अपनी personal feelings को यूं ही किसी से share नही कर देती।
“अच्छा!!अगले महीने गुरुजी की जयंती पर समागम समारोह बनारस में है.. तुम भी आना!!” उसने विषय बदलते हुए कहा।
“तुम भी आओगी न??”
“हाँ!!मेरी फैमिली भी गांव से आ रही है, सिमरिया आश्रम में सत्संग है और मेरे यहाँ से ज्यादा दूर नही है”
“Ok… मैं भी आऊंगा” मैंने तय कर लिया।
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हमारे गुरुजी की जयंती पर दो दिवसीय समागम समारोह 15-16 सितंबर को वाराणसी में सिमरिया आश्रम में है। मैंने आकांक्षा से वादा किया है कि आऊंगा। कल ही तो निकलना है। मैं अकेला ही जाऊंगा।
कहते हैं भविष्य का हमे कोई अंदाजा नही है आगे क्या होने वाला है इसका हम साधारण इंसान अनुमान भी नही लगा सकते।यही प्रकृति की विशेषता है।
न मुझे,न आकांक्षा को,न उसके माता-पिता को और न ही हमारे सन्त जी के लाखों अनुयायियों को इसका आभास है कि यह तारीख न चाहते हुए भी बुरे ख्वाब की तरह हम सबके स्मृति-पटल में अंकित हो जाएगी।
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मैं रात में ही इटावा जंक्शन आया और मगध एक्सप्रेस का टिकट कटवा लिया।यह ट्रेन रात करीब 1 बजे चलकर सुबह 7.30 बजे मुगलसराय पहुंचती है।
आज आकांक्षा से मिलूंगा। क्या वह मुझे पहचान लेगी।ज्यादा भीड़ हुई तो खोजना मुश्किल होगा। ईमानदारी से कहूँ तो मैं उसी से मिलने जा रहा हूँ।
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मैं सिमरिया स्थित आश्रम सुबह 10 बजे पहुंचा।यह आश्रम गंगा नदी के एकदम किनारे स्थित है।हल्की-हल्की हवा चल रही है।यहीं पर हमें 2 दिन रुककर सत्संग ग्रहण करना है और जनजागरण यात्रा में शामिल होना है।
सबसे पहले मैंने आकांक्षा को ढूंढना शुरू किया।यहां बहुत भीड़ है। महिलाएं, पुरूष,बुजुर्ग अपने कंधों पर पोटली/बैग लिए विश्राम करने के लिए सही जगह खोज रहे हैं। आकांक्षा को ढूंढना मुश्किल है।मेरी नजरें हजारों की भीड़ में उसे खोज रही हैं।
करीब 1 घण्टे बाद मुझे वह दिखी।वह सफेद सलवार सूट पहने है।उसके साथ कोई लड़की भी है।मैं उसकी ओर बढ़ा।उसने भी मुझे देख लिया।मैं हल्का मुस्कुराया।
वह भी मुस्कुराई लेकिन जल्दी ही अनजान बने रहने का दिखावा करने लगी। शायद साथ मे लड़की की वजह से उसने ऐसा किया। मैंने सोचा!!! जो भी हो मैं  समझ गया कि उसने मुझे पहचान लिया है।थोड़ी देर हम आसपास रहे लेकिन बाद में वह भीड़ में खो गई।
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अब हमें जनजागरण चेतना रैली निकालनी है जो आश्रम से चलकर  रामघाट पुल से होते हुए वापस आश्रम आनी है।यह जनचेतना रैली शाकाहार-सदाचार और नशामुक्त जीवन का प्रचार करने के लिए है।उसके बाद गुरुजी का प्रवचन है।
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हम लोग जनचेतना रैली निकालते हुए दोपहर करीब 1.30बजे रामघाट पुल पहुंचे।यहां मेरे अलावा बाबा के लाखों अनुयायी हाथों में झंडा लिये नशामुक्त जीवन का आह्वान कर रहे हैं।
हममे से अधिकतर पुरूष सफेद कपड़ों में हैं और सर पर सफेद गमछा लपेटे हुए हैं। पूरे भारत से भक्त यहां आए हैं।पैदल भक्तों के अलावा जुलूस में गाड़ियां भी शामिल हैं।करीब 1 km लम्बा यह पुल जन सैलाब से भरा हुआ है।
यहां तिल रखने की भी जगह नहीं है।हम नारे/जयकारे लगाते हुए चल रहे हैं।भीड़ बढ़ती ही जा रही है।जितनी भीड़ आश्रम में थी उससे कई गुना अधिक भीड़ जुलूस में शामिल है।
एकाएक सामने से भीड़ का एक तेज झोंका(धक्का) आया।मेरे आसपास की कई महिलाएं और पुरुष पुल पर गिर गए।मैंने जैसे-तैसे खुद को बचाया।
अभी तक सब ठीक था अचानक पुल पर भगदड़ मच गई।मेरी कुछ समझ में नही आ रहा।चारों तरफ लोग चिल्लाते हुए भाग रहे हैं। मैं भी पीछे की तरफ जिधर से आया था उसी ओर भागने लगा। पुल काफी संकरा है।
भीड़ के कारण सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है।मेरा दम घुटा जा रहा है। एकाएक भीड़ के धक्के से मैं पुल पर गिर गया। कई लोग मेरी पीठ पर पैर रखते हुए भागे।
किसी तरह मैंने खुद को संभाला,खड़ा हुआ और रेलिंग की लोहे की रॉड कसकर पकड़ ली। चारों ओर तेज चीख-पुकार मच गई।
“पुल टूट रहा है… कई लोग नदी में गिर गए….”किसी की दहशत भरी आवाज मेरे कानों में पड़ी।
              #1_घण्टे_बाद
चारों ओर चीख पुकार मची है।करीब 1 km लम्बा यह पुल लाशों,घायलों से पटा हुआ है।जूते-चप्पल,कपड़े,बाबा के झंडे इधर-उधर बिखरे पड़े हैं।बहुत खौफनाक मंजर है।लोग रोते-चीखते हुए अपनों को ढूंढ रहे हैं।मैं चेतनाशून्य हुआ जा रहा हूँ।
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अब पुलिस और एम्बुलेंस आ चुकी हैं।मृतकों को वहां से हटाया जा रहा है। मुझे पता लगा है कि इस भगदड़ में अभी तक 24 लोग मारे जा चुके हैं जबकि सैकड़ों घायल हैं। सभी घायलों को आनन-फानन L.B.S. अस्पताल और B.H.U. ट्रामा सेंटर भेजने के लिए एम्बुलेंस में रखा जा रहा है।
                 #शाम_को
मैं अभी भी वाराणसी में हूँ।मैं दहशत में हूँ।मेरा दिमाग काम नही कर रहा।मैं तो यहां सत्संग में आया था लेकिन यह सब अचानक……. मेरी आँखों से आंसू निकल आये।मेरा फोन भी उसी भगदड़ में खो गया।मैं नंगे पैर हूँ।
आकांक्षा कहाँ होगी??? उसके माता-पिता भी तो आने वाले थे!!!! अचानक मैं कांप गया…
#CONTINUED………..

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