Sansmaran Covid-19 par
Sansmaran Covid-19 par

मेंरी कम्पनी की डयूटी शहर में लाॅकल स्टैट पुलिस के साथ आंतरिक सुरक्षा की थी। लाॅकडाउन लगा
हुआ था सभी जवान हमारी डयूटी के अलावा हमारे कमांडेंट महोदय के आदेश से गरीब/असहाय लोगोें
की मदद में लगे हुएं थें। जिसमें खाना, मास्क और दवाइयाँ बाॅंटने में बढ-चढ़ कर अपना-अपना सहयोग कर रहें थें जिसमें मैं उदय भी अपनी भागीदारी निभा रहा था।

अचानक एक दिन मुझे थोड़ा-थोड़ा बुखार आया लेकिन मेंने इस पर ध्यान नही दिया दो दिन बाद तेज़ बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द और श्वास लेने में परेशानी हुई मैंने COVID-19 की तुरन्त प्रभाव से अस्पताल में जाँच कराई और सोचने लगा कही मुझें कॉरोना तो नही हो गया 3-4 दिन निकलने के बाद COVID-19 की मेरी रिपोर्ट +ve आई। तुरन्त प्रभाव से सरकारी अस्पताल से मुझे लेने एक एम्बुलेंस आई।

मेंरे केंप के बाहर और अंदर हड़कंप मच गया जैसे कि भूचाल आ गया हो एम्बुलेंस का दरवाजा
खोलकर मुझे बोला गया अन्दर बैठ जाओ। सभी मास्क लगाएं हुएं थें कॉलोनी वालें खिडकी
से झाँक-झाँक कर मुझे देख रहें थें।

कैम्प में सन्नाटा सा छा गया कम्पनी कमांडर ने जल्दी से पूरा केम्प खाली करवाया सभी की रहने वाली जगहों और सामान को सैनेटाईज कराया फिर क्या पूरा केम्प सील आसपास का एरिया सील…उधर एक-एक किलोमीटर तक का इलाका सैनेटाईज हो रहा था और चारों तरफ के रास्ते बंद कर दिए इधर मुझें एम्बुलेंस में बिठाकर अस्पताल ले जाया जा रहा था एक बार तो मैं घबरा गया।


लेकिन दिल ने कहा “मैं एक सैनिक हूँ आम नागरिक नही” शरीर में एक ऊर्जा का आभास होने
लगा। मैं थोड़ी ही देर में सी.टी. अस्पताल पहुँच गया डॉक्टर्स और अस्पताल कर्मचारियों तैनात थे मुझे कोरोनटाइन वार्ड में भेज दिया। रोज जाॅंच होती।

निर्देशानुसार मैंने समय-समय पर दवाईयां ली और बताई गई बातों का पालन किया। धीरे-धीरे कुछ ही दिनों में मैं ठीक हो गया और मेरी रिपोर्ट भी नेगेटिव आ गई। और फिर अस्पताल से मुझें छुट्टी दे दी गई।
लेकिन……वापस आते समय मन में ख्याल आया अगर मैं ठीक नही होता तो मैरे शरीर को एक
प्लास्टिक की थैली मे लपेटकर के शवदाह कर देते घर-परिवार वालो को भी मेरा अन्तिम दर्शन नही
करने देते मैरे दोस्त की कही हुई बात याद आई।

अंतेष्टि के कार्यक्रम में भी कोई शामिल नही होता परिजनो को एक सर्टिफिकेट्स दे देते व खेल खत्म।
सभी कहते बेचारा अच्छा आदमी/जवान था…….।

देश के सभी कॉरोना योद्धाओ को मेरा सलाम जय हिंद जय भारत। “दो गज दूरी मास्क है जरूरी”
स्वस्थ रहे सुरक्षित रहे एक जगह से दूसरी जगह जाने पर अपना कोविड़ जांच अवश्य कराऐ रिपोर्ट नेगेटिव होने पर भी अपने आप को 14 दिन का होम कोरनटाइन रखें। खुद, परिवार और देश को सुरक्षित रखने में मदद करे।
जय हिंद जय भारत 🇮🇳

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

यह भी पढ़ें :-

असली हीरो | Hindi Laghu Katha

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here