
मां तो मां होती है
( Maan to maan hoti hai )
बचपन से ही अमन और अजय साथ-साथ पले बढ़े अमन की मां अजय को बहुत प्यार करती थी वह हमेशा अमन को कुछ देने के पहले अजय को जरूर पूछती थी l
ईद आने पर वह सबसे पहले उसे बुलाती थी और खा लो अच्छी बनी है कि नहीं बनी है न जाने कितने प्रश्न करती थी कभी अजय का घर वालों से झगड़ा हो गया तो समझाती भी थी l
धीरे-धीरे दोनों बड़े हो गए अजय भी अमन की मां को मां से ज्यादा मानता था हमेशा उनका सम्मान करता था मां तो मां होती है वह किसी धर्म जाति बंधनों से बंधी नहीं होतीl
मां का प्यार अपने बच्चों के लिए समान होता है जो प्यार उन्होंने अजय को दिया था आज वही कारण था कि वह सब कुछ भूल कर उनकी मौत की खबर सुनकर कंधा देने पहुंच गया था l
चारों तरफ से कंधा देने के बाद उदास मन से घर आकर गुमसुम सा हो गया था मां के सच्चे प्यार ने जाति धर्म रिवाज से ऊपर कहीं रिश्ता बनाया था मां बेटे का l
( नोट :- यह एक सच्ची घटना पर आधारित है मेरे पति अपने दोस्त की मां का बहुत सम्मान करते थे और वह भी हम दोनों को जी जान से चाहती थी )