सुंदर लाभकारी सुंदरकांड
यह बताते हुए बड़ा ही हर्ष हो रहा है कि हिंदी के मार्तण्ड मुर्धन विद्वान् कवि कुल कमल दिवाकर बाबा तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री राम चरित मानस का हृदय कहा जाने वाला मानस का वह कांड जिसमे हनुमान जी का माता सीता से मिलना और लंका दहन का उल्लेख है ।
ऐसे सुंदर से सुंदरकांड को लगभग एक वर्ष से अनवरत हर मंगलवार को हम सब मित्र मंडली मिलकर गायन क़र रहे हैँ उसका परिणाम ये है कि अंदर से एक तरंग, स्फूर्ति पैदा होती है निश्चित ही ये सुंदरकांड का पाठ आज के समाजिक दौर मे अगर इंसान अपने जीवन मे गायन और पाठ करता है तो हनुमान जी महराज उसके बुद्धि और विवेक को बल देते हैँ।
यध्यपि रामचरित मानस का सातों कांड गूढ ज्ञान से भरा है पर अत्यधिक समय न होने के कारण हम सब सुंदरकांड तो क़र ही सकते हैँ।
विगत वर्ष से हमने अपने ही कम्पनी जिसमे कार्य रत है उसी मेरे सभी के सहयोग से पीएम शंकर राव सर, पीएम सुभाष सुब्बा रमईया सर और मैनेजर पंकज शर्मा सर और सभी मित्र मंडली के आर्थिक सहयोग से हर मंगलवार को ये सुंदर कांड का सुंदर गायन होता है।
इतना मन को सुकून देने वाला सुंदरकांड का पाठ जन कल्याण के लिए लाभकारी है,, आप सभी इस पाठ को गायन करके अपने जीवन को कृतार्थ करें.
सीय राम मय सब जग जानी, करहूँ प्रणाम जोरी जुग पानी
नाथ सकल सम्पदा तुम्हारी, मै सेवक समेत सुत नारी

अंकुल त्रिपाठी निराला
(प्रयागराज )







