अपनी दुनिया उजाड़ बैठा मैं

अपनी दुनिया उजाड़ बैठा मैं | Apni duniya shayari

अपनी दुनिया उजाड़ बैठा मैं ( Apni duniya ujad baitha main )    अपनी दुनिया उजाड़ बैठा मैं सबसे रिश्ते बिगाड़ बैठा मैं   क़ब्र खोदी थी ग़ैर की ख़ातिर लाश अपनी ही गाड़ बैठा मैं   बेखुदी के शदीद आलम में हाय ख़त उसका फाड़ बैठा मैं   मुझसे नाराज़ हो गयी खुशियाँ आज…